Agra, Uttar Pradesh, India. जाने-माने उद्यमी पूरन डावर का कहना है कि भारत में रोजगार के असीमित अवसर हैं। अगर बेरोजगारी है तो उसके लिए माता-पिता जिम्मेदार हैं। जरूरत इस बात की है कि भले ही हमारे पास 100 करोड़ रुपये हैं लेकिन बच्चे को अपनी फीस स्वयं अर्जित करने की आदत डालनी होगा। माता-पिता बच्चे को काम नहीं करने देते और फिर बेरोजगारी का रोना रोते हैं।
श्री डावर ने कहा कि कोई अगर कहता है कि पीएचडी करने के बाद भी मैं बेरोजगार हूँ तो मैं कहता हूँ कि किसने कहा था पीएचडी करने को। शिक्षा ज्ञान का माध्यम है न कि नौकरी पाने का साधन। पूरी बात जानने के लिए वीडियो देखिए-
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