कोरोना वायरस से संक्रमितों के इलाज में डॉक्टरों से स्टेरॉइड के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा गया है. भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले एम्स/आईसीएमआर-कोविड 19 नेशनल टास्क फ़ोर्स और जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप ने कोरोना संक्रमित वयस्क मरीज़ों के इलाज के लिए संशोधित क्लिनिकल गाइडलाइन जारी की है.
संशोधित गाइडलाइन में कहा गया है कि स्टेरॉइड जैसी दवाइयों से ब्लैक फंगस और दूसरे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. कहा गया है कि स्टेरॉइड का समय से पहले इस्तेमाल या ज़्यादा डोज़ सेहत के लिए ठीक नहीं है.
संशोधित गाइडलाइन में कोविड के हल्के, मध्यम और गंभीर मामलों को अलग-अलग तरीक़े से देखने के लिए कहा गया है. कहा गया है कि अगर कफ दो से तीन हफ़्तों तक बंद नहीं होता है तो मरीज़ को टीबी और अन्य तरह की जांच करानी चाहिए.
पिछले हफ़्ते भी नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) और कोविड टास्क फ़ोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने स्टेरॉइड के दुरुपयोग और ओवरडोज़ को लेकर चिंता जताई थी. संशोधित गाइडलाइन के अनुसार, जिन्हें सांस लेने में दिक़्क़त नहीं हो रही है लेकिन गले और नाक से जुड़े लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें घर में ही आइसोलेट होने की सलाह दी गई है.
जिन्हें सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है और तेज़ बुखार के साथ पाँच दिनों से ज़्यादा समय से कफ है, उन्हें डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए.
इसके अलावा जिनका ऑक्सीजन लेवल90-93 फ़ीसदी के बीच है, उन्हें अस्पताल में भर्ती करना चाहिए. ऐसे मरीज़ों के ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी गई है. संशोधित गाइडलाइन में मध्यम और गंभीर स्थिति में रेमडेसिविर के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति है.
-एजेंसियां
- FlexAds Media Private Limited: Empowering Indian Youth in the Digital Age - March 21, 2024
- “Rahul Kumar Bholla: Capturing Elegance Through the Lens – A Glimpse into the Glamorous World of RB Snapper” - February 11, 2024
- BJP ने जारी की कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं के भ्रष्टाचार की सूची - December 12, 2023