आश्चर्य का क्षण: जब कूल्हा प्रत्यारोपित मरीज एक सप्ताह में चला बिना सहारे

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हड्डी रोग शिविर बन रहा है रोगियों के लिए वरदान

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा। आगरा विकास मंच द्वारा आयोजित एक विशेष चिकित्सा शिविर में ऐसा चमत्कार देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद हर आंख को नम कर दिया और दिल को द्रवित कर दिया। 117 जयपुर हाउस निःशुल्क दिव्यांग सेंटर पर आयोजित इस निशुल्क हड्डी रोग एवं जोड़ प्रत्यारोपण शिविर में एक ऐसा क्षण आया जिसने मानवता और चिकित्सा विज्ञान दोनों की विजय को दर्शाया।

विशेषज्ञ डॉक्टर की सेवा भावना

शिविर का संचालन प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभांशु जैन ने किया, जिन्होंने 12 मरीजों की जांच की और 4 को जोड़ प्रत्यारोपण के लिए चयनित किया। यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क थी, जिससे अनेक असहाय और जरूरतमंदों को एक नई आशा की किरण मिली।

भावुक क्षण: 58 वर्षीय रोगी की चमत्कारी वापसी

शिविर में उपस्थित सभी लोग उस समय आश्चर्य और भावुकता से भर उठे, जब एक 58 वर्षीय दिव्यांग रोगी, जिसका डॉ. विभांशु जैन द्वारा मात्र एक सप्ताह पूर्व कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया था, बिना किसी सहारे के अपने पैरों पर चलता हुआ शिविर में पहुंचा।
उसके पैरों में पहले 7 इंच का अंतर था, जिससे चलना असंभव था। लेकिन आज, ऑपरेशन के बाद दोनों पैरों की लंबाई समान है और वह व्यक्ति सहजता से, बिना लाठी के चल रहा है। यह दृश्य देख सभी की आंखें भर आईं।

फिजियोथेरेपी से पुनर्वास की ओर

डॉ. अनिल कुशवाहा ने शिविर में आए सभी मरीजों को फिजियोथैरेपी सिखाई और यह बताया कि घर पर नियमित व्यायाम से कैसे वे अपने स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। उनके दिशा-निर्देशों ने मरीजों को आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत रास्ता दिखाया।

निःस्वार्थ सेवा में जुटे सहयोगी

इस पुनीत कार्य में मान सिंह और अंशु जैन ने निःस्वार्थ सेवाएं प्रदान कीं, जिनके सहयोग से यह शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हो सका।

आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन एवं संयोजक सुनील कुमार जैन ने इस सेवा को समाज के लिए एक संकल्प बताया। यह शिविर केवल चिकित्सा का नहीं, संवेदना और सहानुभूति का उदाहरण भी था। डॉक्टर विभांशु जैन जैसे विशेषज्ञों की सेवा भावना और मरीज की इच्छाशक्ति ने साबित कर दिया कि जब चिकित्सा और मनुष्य का संकल्प साथ मिल जाए, तो चमत्कार भी संभव है। ऐसे आयोजन समाज के लिए प्रेरणा बनते हैं।