आगरा:- शादी का झांसा देकर उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात दरोगा ने युवती को अपनी हवस का शिकार बनाया है। गर्भवती होने पर दवाइयां देकर युवती का गर्भपात करवाया गया। जिसके बाद दरोगा ने दूसरी युवती से सगाई कर ली। विरोध पर युवती संग गाली-गलौज करते हुए परिवारीजनो को झूठे मामले में फसाकर जेल भेजने की धमकी तक दी गई। मामले में पीड़िता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जाँच शुरू कर दी गई है।
ट्रांसयमुना थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता के अनुसार हाथरस के रहने वाले अविनाश कुमार पुत्र ज्ञानेंद्र सिंह से उसकी जान पहचान हुई थी। जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस में गाजियाबाद में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात है। पीड़िता के अनुसार अविनाश ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए।
पीड़िता के गर्भवती होने पर उसे विश्वास में लेकर दवाइयां देकर उसका गर्भपात कराया गया। धोखाधड़ी करते हुए दरोगा ने अन्य किसी युवती से अपनी सगाई कर ली। इस बात का विरोध पीड़िता द्वारा करने पर उसके साथ गाली-गलौज करते हुए उसके परिवारीजनों को झूठे मुकदमे में फसाकर जेल भिजवा देने की धमकी तक दी गई।
हताश होकर पीड़िता द्वारा न्याय के लिए कानून का दरवाजा खटखटाया गया जहाँ उसके द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी दरोगा के ख़िलाफ़ मुकदमा पंजीकृत करते हुए मामले की जाँच शुरू कर दी है।
मुकदमा दर्ज
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के कौशांबी थाने में तैनात दरोगा अविनाश कुमार के खिलाफ आगरा के ट्रांस यमुना थाने में दर्ज मुकदमे से पुलिस विभाग की छवि पर तो सवाल उठ ही रहे हैं, यह मामला विभागीय अनुशासन को लेकर भी चिंताएं बढ़ा रहा है।
यह पहला मामला नहीं है। आए दिन इस तरह के मामले सामने आने से पुलिस की छवि दागदार हो रही है।
दरोगा अविनाश कुमार के खिलाफ आगरा के ट्रांस यमुना थाने में अपने शोषण का आरोप लगाने वाली युवती दलित है और आगरा की ही निवासी है। उसका कहना है कि दरोगा अविनाश से उसकी पहचान हाथरस में हुई थी, जो बाद में दोस्ती में बदली और शारीरिक संबंधों तक जा पहुंची। दरोगा ने उसे शादी का वायदा कर शारीरिक शोषण किया। दरोगा पद पर चयन से पहले ही शोषण का सिलसिला शुरू हो गया था जो दरोगा बनने के बाद भी जारी रखा।
पीड़िता का कहना है कि वर्ष 2022 से दरोगा अविनाश शादी का झांसा देकर उसका शोषण करता आ रहा था। फरवरी के अंतिम सप्ताह में उसे जानकारी हुई कि अविनाश की शादी कहीं और तय हो चुका है। इस पर उसने अविनाश से बातचीत की। विगत 16 मार्च को उससे मिलने आगरा आया और ट्रांस यमुना क्षेत्र के ही एक होटल में ले गया। वहां उसे फिर से झांसा दिया कि परिवार के दबाव में शादी तय कर ली है। दरोगा ने यहां भी उससे संबंध बनाए। दर्ज कराए मुकदमे में पीड़िता ने शारीरिक शोषण के अलावा गर्भपात कराने और धमकी के आरोप भी लगाए हैं।
आगरा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित साक्ष्यों को एकत्रित किया जा रहा है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सवाल यह उठ रहा है कि जिस पुलिस को अनुशासित होना चाहिए, उसी के कुछ कर्मचारी इस तरह की हरकतें करने पर उतर आए हैं। महिलाओं की ओर से शोषण का पुलिस पर यह पहला आरोप नहीं है। इससे पहले कई वरिष्ठ अधिकारियों तक पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं। पुलिसकर्मियों की ये हरकतें विभाग के अनुशासन को तो तार-तार कर ही रही हैं, पुलिस महकमे को भी बदनाम कर रही हैं।