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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. 22 मार्च, शनिवार को आगरा के एमडी जैन ग्राउंड में जिनवाणी चैनल द्वारा आयोजित वंडर सीमेंट सुरविद्या सीजन-2 का ग्रैंड फिनाले एक ऐतिहासिक संगीतमयी संध्या के रूप में परिलक्षित हुआ। यह आयोजन संपूर्ण जैन समाज के लिए गर्वोन्नति का क्षण बन गया, जहाँ भक्ति और संगीत का संनाद विश्व पटल पर जैन संस्कृति की गरिमा को प्रखर बनाता रहा। यह अवसर उस भव्यता और भावप्रवणता का साक्षी है, जिसने आगरा को सुरों के आलोक से आलोकित कर दिया।
सुरमयी संध्या का प्रादुर्भाव: प्रतिभाओं का प्रदर्शन
आगरा के हृदयस्थल में अवस्थित एमडी जैन ग्राउंड वह अलौकिक मंच बना, जहाँ देश भर से चयनित छह श्रेष्ठ भजन गायक अपनी कंठ-कमनीयता से उपस्थित जनमानस को मंत्रमुग्ध कर गए। इन संगीतज्ञों ने भक्ति के सुरों में ऐसा रस घोला कि प्रत्येक श्रोता की आत्मा तृप्त हो उठी। यह आयोजन जिनवाणी चैनल की वह प्रख्यात संकल्पना थी, जो जैन समाज की संगीत-प्रियता को उद्घाटित करता है।
महानुभावों का आगमन: गरिमा का आलोकन
इस संगीतमयी संध्या की शोभावर्धन हेतु महाभारत-प्रसिद्ध अभिनेता सौरभ राज जैन, रियलिटी शो की सुविख्यात जोड़ी विक्की जैन एवं अंकिता लोखंडे जैन, तथा आजतक चैनल के वरिष्ठ संनादक एवं कार्यकारी संपादक सईद अंसारी पधारे। इसके अतिरिक्त, श्रीमती सुशीला पाटनी (आरके ग्रुप) ने अपने कुटुंब सहित मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति दर्ज कराई। मंच संचालन का दायित्व विशिष्ट अतिथि एंकर मनोज बांकलीवाल ने संभाला, जिनकी मधुर वाणी ने आयोजन को और भी प्रभामय बना दिया।

सम्मान का आलोक: पुण्यार्जकों का अभिनंदन
इस अवसर पर तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुरेशचंद जैन सहित देश भर से पधारे समस्त पुण्यार्जक एवं गणमान्य अतिथियों का भव्य सम्मान सम्पन्न हुआ। गुवाहाटी से आए श्री आनंद कुमार जैन और श्रीमती रत्नप्रभा जैन को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उनकी जीवन-यात्रा का अभिनंदन बनकर जैन समाज के लिए एक प्रेरणादायी संदेश बन गया।
विजय का शिखर: अमन जैन को ताज
कठिनतम चरणों को पार करते हुए मैहर (मध्य प्रदेश) के अमन जैन ने सुरविद्या सीजन-2 का ताज अपने शीश पर धारण किया। उनकी इस शानदार विजय की घोषणा मंच से अंकिता लोखंडे जैन, विक्की जैन, सईद अंसारी और मुख्य अतिथि श्रीमती सुशीला पाटनी ने की। अमन को दिगंबर परंपरा के आचार्य के 36 मूल गुणों को प्रतीकित करने वाली भव्य ट्रॉफी के साथ पांच लाख रुपये की इनामी राशि प्रदान की गई। उनकी कंठ-माधुर्य ने सुरों को प्रखर ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
विजेता का कृतज्ञता संनाद: पिता को समर्पण
विजेता बनने के पश्चात अमन जैन ने जिनवाणी चैनल, अपने गुरुजन और प्रभु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने अपनी इस विजय को अपने पिता को समर्पित करते हुए कहा कि यह सफलता उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा का फल है। यह भावप्रवण क्षण उपस्थित जनमानस के हृदय को स्पर्श कर गया।

अन्य प्रतिभागियों का सम्मान: पुरस्कारों की वर्षा
प्रतियोगिता में अहिंसा जैन प्रथम उपविजेता और दिशि जैन द्वितीय उपविजेता घोषित हुईं, जिन्हें क्रमशः एक लाख रुपये और इक्यावन हजार रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, प्रखर, मान्या और धनश्री को सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रत्येक को 21 हज़ार रुपये प्रदान किए गए। इन सभी संगीतज्ञों ने अपनी कला से आयोजन को प्रभामय बनाए रखा।
केंद्रीय मंत्री का आगमन: शोभा का प्रखरन
इस भव्य आयोजन में केंद्रीय मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। जिनवाणी चैनल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री नीरज जैन ने समस्त विजेताओं को शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। उनकी उपस्थिति और प्रोत्साहन ने इस संध्या को और भी आलोकमय बना दिया।
जैन समाज का गौरव: वैश्विक प्रखरता
वंडर सीमेंट सुरविद्या सीजन-2 का यह ग्रैंड फिनाले संपूर्ण जैन समाज के लिए एक गर्वोदय का क्षण बन गया। हज़ारों दर्शकों की उपस्थिति में जिनवाणी चैनल ने भजन गायन की कला को अंतरराष्ट्रीय पटल पर नूतन पहचान दी। यह आयोजन एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में प्रखर हुआ, जो जैन समाज की सांस्कृतिक समृद्धि और संगीत के प्रति अनुराग को विश्व के समक्ष आलोकित करता है।
संपादकीय टिप्पणी:
“सुरों में आलोकित संस्कृति: सुरविद्या का प्रखर उत्सव”
वंडर सीमेंट सुरविद्या सीजन-2 का भव्य समापन जैन समाज के लिए केवल एक प्रतियोगिता का अंत नहीं, अपितु सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक आलोकमय प्रभात है। जिनवाणी चैनल द्वारा आयोजित यह संगीतमय उत्सव भक्ति और संगीत के अनुपम संगम का ऐसा प्रखर स्वरूप बना, जो नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का संदेश देता है। अमन जैन की विजय, अन्य संगीतज्ञों की कला और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इस संध्या को एक ऐतिहासिक प्रखरता में परिवर्तित कर दिया।
यह आयोजन इस सत्य का प्रखर प्रमाण है कि परंपरा और आधुनिकता का संनाद कितना आलोकमय हो सकता है। भजन गायन जैसी प्राचीन कला को वैश्विक मंच पर प्रखर करना न केवल जैन समाज, अपितु संपूर्ण भारतीय संस्कृति के लिए गर्व का विषय है। जिनवाणी चैनल और इसके प्रणेता श्री नीरज जैन की यह पहल प्रशंसनीय है, जिसने संगीत के माध्यम से अहिंसा और भक्ति के संदेश को प्रखर बनाया।
संगीत और संस्कृति का यह उत्सव हमें यह स्मरण कराता है कि हमारी विरासत को संजोना और उसे नवीन पीढ़ी तक आलोकित करना हमारा कर्तव्य है। अमन जैन की विजय और उनके पिता को समर्पण का भाव हमें यह भी सिखाता है कि सफलता का मूल्य तभी है, जब वह अपनी जड़ों से आलोकित हों। यह संपादकीय जिनवाणी चैनल को इस प्रखर प्रयास के लिए अभिनंदन करता है और अपेक्षा करता है कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन संस्कृति के आलोकन को गति दें।
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