आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे का टेंडर डेढ़ साल की मशक्कत के बाद खुले
आगरा। यदि सब कुछ सही रहा तो अप्रैल 2028 से मात्र एक सवा घंटे में आगरा से ग्वालियर पहुंचना संभव हो जाएगा। नये बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई वर्तमान के आगरा से ग्वालियर हाइवे से करीब 32-33 किलोमीटर कम होगी। इसका निर्माण इसी साल अक्तूबर से शुरू हो जाएगा।
निर्माणदायी कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर खोल दिए गए हैं। 88.400 किलोमीटर लंबे आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में करीब 4263 करोड़ रुपये खर्च होगा। गौरतलब है कि वर्तमान में आगरा से ग्वालियर जाने के लिए लोगों को 121 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस दूरी को पूरा करने के लिए करीब दो से ढाई घंटे का समय लगता है।
आगरा से सवा घंटे में पहुंचेंगे ग्वालियर
प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे छह लेन का बनाया जाएगा। यह जमीन से चार या पांच मीटर ऊपर उठाकर बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 88.400 किलोमीटर होगी। यानि हाइवे से 32.600 किलोमीटर कम। अभी ग्वालियर पहुंचने में करीब ढाई घंटा लग जाता है पर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनने के बाद वाहन फर्राटा भरने लगेंगे और करीब सवा घंटे में ग्वालियर की दूरी तय कर सकेंगे।
बार-बार बढ़ानी पड़ी टेंडर की डेट
आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण और 121 किलोमीटर लंबे हाइवे की मरम्मत के लिए एनएचएआई ने 5 जनवरी 2024 को टेंडर जारी किया था। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी ख़ामियों को दूर कर संशोधित टेंडर बनाने के अलावा अन्य वजहों से टेंडर की डेट बार बार बढ़ाई जा रही थी। एनएचएआई को टेंडर में 20 बार डेट बढ़ानी पड़ी। करीब डेढ़ साल बाद टेंडर खुलने का नंबर आ पाया। इधर डेट बढ़ाने के पीछे भू अर्जन का मुद्दा रहा। यहां पर मामला उलझने की वजह एनएचएआई को टेंडर को खोले जाने की डेट बार बार बढ़ानी पड़ गई।
30 महीने में बनेगा एक्सप्रेसवे
आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए टेंडर 25 फरवरी को टेंडर खोलकर तकनीकी मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। काम लेने के लिए देशभर की दस बड़ी निर्माण कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया है। एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआत इसी वर्ष अक्टूबर से हो जाएगी। 88.400 किमी लंबी सड़क 30 माह में बनकर तैयार हो जाएगी।
बनेंगे छह फ्लाइओवर और 31 पुल
आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में छोटे-बड़े 31 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से आठ बड़े पुल बनाए जाएंगे, जबकि 23 छोटे पुल बनेंगे। इसके अलावा छह फ्लाइओवर और एक रेलवे ओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा।
100 से अधिक गांवों की भूमि अधिग्रहीत
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 100 से अधिक गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अधिग्रहण का 98 फीसदी कार्य हो चुका है। अब किसानों को मुआवजा राशि वितरित की जानी है।
इन कंपनियों ने डाला है टेंडर
पीएनसी इंफ्राटेक, दिलीप बिल्डकॉन, डीआर अग्रवाल इंफ्राकॉन, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, गावर इंफ्रा, एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर, अड़ानी इंटरप्राइजेज, आरआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, वेलस्पान इंटरप्राइजेज और अप्सरा इंफ्रास्ट्रक्चर।
इनमें से चयनित एक कंपनी को छह माह का समय संसाधन जुटाने के लिए दिया जाएगा। पूरा एक्सप्रेसवे बनाने का कार्य संभवत: किसी एक कंपनी को दिया जाएगा। वर्कऑर्डर मिलते ही कंपनी को छह माह बाद निर्माण कार्य प्रारंभ करना होगा।
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