धार्मिक उन्माद तथा विघटनकारी शक्तियां राष्ट्रीय एकता में बाधक, शिक्षकों की भूमिका पर मंथन
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ माध्यमिक संवर्ग आगरा के जिला सम्मेलन में शिक्षकों का सम्मान
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ माध्यमिक संवर्ग आगरा के जिला सम्मेलन और शैक्षिक संगोष्ठी में शिक्षकों की भूमिका पर मंथन किया गया। शिक्षकों का सम्मान हुआ। वक्ताओं ने कहा कि देश को गृहयुद्ध की ओर धकेल जा रहा है। धार्मिक उन्माद तथा विघटनकारी शक्तियों को राष्ट्रीय एकता में बाधा बन रही हैं। ऐसे में शिक्षकों की भूमिका बढ़ जाती है। यह कार्यक्रम सचदेवा मिलिनियम स्कूल, शास्त्रीपुरम में महासंघ की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। ह्यूमन ड्यूटीज फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेंद्र सचदेवा ने अतिथियों का सम्मान किया। उन्होंने सभी को अपना-अपना फर्ज निभाने के लिए प्रेरित किया।
संकट के समय में शिक्षक का दायित्व
शैक्षिक संगोष्ठी के विषय ‘‘राष्ट्रीय एकता में शिक्षकों की भूमिका‘‘ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा डॉ. आरपी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को अक्षुण्य बनाये रखने में सबसे अधिक बाधक धार्मिक उन्माद, आतंकवाद तथा विघटनकारी शक्तियाँ हैं। राष्ट्र के समक्ष राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को अक्षुव्य रखना आज सबसे बड़ी चुनौती बनी है। देश के विभिन्न प्रान्तों में अराजकता की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिसके कारण राष्ट्र गृह युद्ध की ओर धकेला जा रहा है। ऐसे संकट के समय में शिक्षक का दायित्व है कि वह भावी पीढी में देशभक्ति, स्वदेश-प्रेम की भावना जाग्रत करें।

संकट के समय में शिक्षक का दायित्व
समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष प्रो लवकुश मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय अस्तित्व की रक्षा में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्ट्र में जन की संस्कृति समाहित है। शिक्षक राष्ट्र निर्माण का संवाहक होता है। निरन्तरता का भाव उत्पन्न कर शिक्षक राष्ट्र के मूल चरित्र को बदलने नहीं देता है। जाग्रत और जीवन्त राष्ट्र के लिए शिक्षक का जागरूक होना जरूरी है।
यह कार्य शिक्षक ही कर सकता है
महासंघ की प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माता एवं भावी पीढ़ी को संस्कारित करने वाला होता है। शिक्षक ही छात्रों में देश-भक्ति, देश-प्रेम तथा मातृभूमि के प्रति अनुराग उत्पन्न करता है। जिससे राष्ट्रीय एकता को बनाये रखा जा सकता है। धार्मिक कट्टरता को परस्पर सद्भाव, सहयोग व सामंजस्य से रोका जा सकता है। इसके लिए राष्ट्र के नागरिकों का उदार होना बहुत जरूरी है। यह कार्य शिक्षक ही कर सकता है।

इन्होंने भी रखे विचार
समारोह में मण्डल अध्यक्ष श्री रमेश सिंह यादव, वरिष्ठ शिक्षक नेता डॉ. सत्य प्रकाश शर्मा, आरबीएस कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. अंजुल चौहान, डॉ. रचना शर्मा, गिरीश त्यागी, डॉ. केपी सिंह ने विचार व्यक्त किये। संचालन महासंघ के जिला प्रवक्ता श्री श्याम सिंह ने किया।
6 शिक्षकों का सम्मान
समारोह में छह शिक्षकों का सम्मान किया गया। ये हैं- शिक्षाविद डॉ. कुंजिल सिंह चाहर, डॉ. विशंभर स्वरूप शर्मा, नेहा चौहान, पंकज शर्मा, अनिल कुमार और रेखा शर्मा। समारोह के प्रारम्भ में सरस्वती वन्दना, देश-भक्ति के गीतों पर सचदेवा मिलिनियम स्कूल के छात्रों ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया।
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