Agravan Heritage University admission

आगरा के पहले निजी विश्वविद्यालय Agravan Heritage University में क्यों प्रवेश लें, देखें वीडियो

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कुलाधिपति डॉ. सुकेश कुमार, कुलपति प्रो. सुनील जैन, महानिदेशक डॉ. गौरव यादव ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

डिग्री के साथ डिप्लोमा भी मिलेगा, छात्रों को हुनरमंद बनाएंगे, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी

जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद में पढ़ रहे 25 हजार विद्यार्थी, तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही

 

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India. ऐतिहासिक आगरा में एक और विश्वविद्यालय शुरू हआ है। इसका नाम है- अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी Agravan Heritage University यानी AHU. फतेहाबाद रोड पर बमरौली कटारा गांव में है। यह आगरा का पहला निजी विश्वविद्यालय है। जे.एस. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अधीन यह विश्वविद्यालय चल रहा है। इंस्टीट्यूशंस का शिकोहाबाद में भी विश्वविद्यालय है, जिसका नाम है जेएस यूनिवर्सिटी। 15 अगस्त, 2023 तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिए जा सकते हैं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपाति डॉ. सुकेश कुमार, कुलपति प्रो. सुनील जैन और ग्रुप के महानिदेशक डॉ. गौरव यादव ने Agravan Heritage University के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। यह भी बताया कि Agravan Heritage University में क्यों पढ़ना चाहिए। विश्वविद्यालय में प्रवेश की अंतिम तारीख 15 अगस्त रखी गई है। ‘ज्ञान के उचित अनुप्रयोग के माध्यम से प्रगति’ इस आदर्श वाक्य के साथ Agravan Heritage University यानी AHU की स्थापना की गई है।

उद्योगों की जरूरत को ध्यान में रखकर शिक्षा देंगे

एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए Agravan Heritage University के कुलपति और उ.प्र. लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील जैन ने बताया कि यह बहुत बड़ा विश्वविदयालय है। हमारा मोटो है छात्रों को तनावमुक्त और ईको फ्रेंडली वातावरण में शिक्षा मिले। संकल्प लिया है कि जिस तरह से शिक्षा 25 साल पहले हुआ करती थी, उसे वापस लौटाएंगे। चांसलर ने छात्रों को नई दिशा देने की पहल की है जो मील का पत्थर साबित होगा।

प्रो. जैन ने बताया कि हम बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देंगे। हम रोजगारपरक तकनीकी शिक्षा देंगे। इसी की आवश्यकता है। हम उद्योगों की जरूरत को ध्यान में रखकर शिक्षा देंगे ताकि बच्चों को जॉब मिल सके। इसके लिए विश्वस्तरीय प्रयोगशाला बनाई हैं। शिक्षक नेट और पीएचडी वाले हैं।

गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए आगरा में समानांतर विश्वविद्यालय

कुलाधिपति डॉ. सुकेश कुमार ने बताया कि 27 जून को विश्वद्यालय अस्तित्व में आ गया है। आगरा विश्वविद्यालय (डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय) में काफी अनियमितताएं हुई हैं। सत्र अनियमित है। बच्चों को बड़ी परेशानी हो रही है। गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए आगरा में समानांतर विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया गया है। विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचा और अन्य सुविधाएं हैं। इससे आगरा, उत्तर प्रदेश और हमारी संस्था का नाम रोशन होगा। गुणात्मक शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आगरा विश्वविद्यालय ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं रहा

डॉ. सुकेश कुमार ने बताया कि छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए अलग से शिक्षक ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोशिश रहेगी कि जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद से अच्छी चले Agravan Heritage University क्योंकि आगरा बड़ा शहर है। क्या आगरा विश्वविद्यालय बंद कराने का इरादा है, सवाल सुनकर कहा कि ऐसा लोग कहते हैं लेकिन ऐसा है नहीं। वर्तमान समय में परंपरागत कोर्सेज में बच्चे कम हुए हैं, इसलिए हम कोशिश करेंगे कि परंपरागत कोर्स के साथ डिप्लोमा भी मिले। आगरा विश्वविद्यालय ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं रहा। इसलिए बच्चा आईटीआई और पॉलीटेक्निक में चला गया। कॉलेजों में तकनीकी शिक्षा है नहीं इसलिए बच्चे कम होते गए। हमने जेएस यूनिवर्सिटी में सारी चीजें दी हैं। आईटीआई, पॉलीटेक्निक, बीटेक, माइनर कोर्स, डिग्री के साथ डिप्लोमा कोर्स दिए हैं। जेएस यूनिवर्सिटी में 25 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जोबच्चा बीए कर रहा है, वह अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी में हमारे यहां डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर, एमएसएमई भी कर लेगा। मैरिट के आधार पर प्रवेश होगा। ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रवेश ले सकते हैं।

डॉ. गौरव यादव के जवाब

जो कोर्सेज अन्य विश्वविद्यालयों में चल रहे हैं, वही आप चला रहे हैं, ऐसे में अंतर क्या है, सवाल का जवाब जे.एस. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के महानिदेशक डॉ. गौरव यादव ने दिया। उन्होंने कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे। जो कुछ उद्योगों को स्किल चाहिए, वह हम छात्रों में विकसित करेंगे। यह कहे जाने पर बीए करने वालों में क्या स्किल विकसित कर देंगे, उन्होंने कहा कि वोकेशन कोर्स और वोकेशनल ट्रेनिंग कराते हैं। वैल्यू एडेड कोर्स कराते हैं। क्या कोई नया कोर्स शुरू किया है, सवाल पर कहा कि अभी तो ज्यादातर परंपरात कोर्स हैं। होटल मैनेजमेंट स्टार्ट कर रहे हैं।

डॉ. गौरव यादव ने बताया कि हमारे यहां फीस अन्य विश्वविद्यालयों से बहुत कम है। हम बीएससी 10 हजार रुपये वार्षिक में करवा रहे हैं। इसी से फीस का अनुमान लगा सकते हैं। यह विश्वविद्यालय है, पूरे हिन्दुस्तान का बच्चा पढ़ने आएगा। आगरा और मथुरा के बच्चे मुख्य रूप से आएंगे। ऑनर्स कोर्स शुरू कर रहे हैं। तकनीकी कोर्स शुरू करेंगे। ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) कोर्स प्रारंभ करेंगे।

यह कहे जाने पर निजी विश्वविद्यालय में छात्र इसलिए प्रवेश लेते हैं कि फीस दो और डिग्री ले जाओ, क्लास में आओ या न आओ.. डॉ. गौरव यादव ने कहा- यहां तो बच्चों को नियमित क्लास में आना होगा। शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है। छात्रवृत्ति के लिए बच्चे आवेदन कर सकते हैं।

उल्लेखनीय उपस्थिति

पत्रकार वार्ता में विश्वविद्यालय के कुलसचिव एसके चौहान, वाइस चेयरमैन डॉ. गीता यादव, जे.एस. यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. पीएस यादव, मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक कुमार और शासी निकाय के सदस्य शुभम यादव मंचासीन रहे।

एएचयू एक नजर में

अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी, आगरा श्री जगदीश जन कल्याण एजुकेशन ट्रस्ट के माध्यम से श्री जगदीश सिंह का “सपना सच हुआ” है, जो लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में गंभीरता से काम कर रहा है। गतिशील शिक्षाविद् डॉ. सुकेश कुमार इस ट्रस्ट के कॉलेजों को एक सुनियोजित विश्वविद्यालय के रूप में विस्तारित करने में जोर-शोर से काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने जून 2023 में एक विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पेश किया और इसे अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी, आगरा का नाम दिया। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भाग लेने के लिए निजी क्षेत्र में परोपकारी पूंजी को प्रोत्साहित करने और उच्च गुणवत्ता वाले संकाय और छात्रों को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने और लगातार गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक शिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना और निगमन करने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य है नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा, मूल्यपरक शिक्षा, गुणवत्ता और सेवा, अखंडता, विविधता, सहयोग, आदर तथा नेतृत्व।

पाठ्यक्रम

बीए. बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए, बीएचएम, बीलिब, एमए, एमएससी, एमकॉम, एमबीए, एमसीए, एमलिब, पीजीडीसीए, पीएचडी, डीएचएम, डिप्लोमा इन योगा, डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर, डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी।

प्रेसवार्ता के बाद भोजन और उपहार का भी इंतजाम था। मैंने न तो भोजन किया और न ही उपहार लिया।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh