मुंबई। महाराष्ट्र में इतनी बड़ी जीत के बावजूद सरकार नहीं बन पा रही है, यह हैरान करने वाला है। अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ हुई बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने अच्छी और सकारात्मक बातचीत का दावा किया था। लेकिन दिल्ली की बैठक के बाद शिंदे दूसरे दिन अचानक सतारा स्थित अपने गांव चले गए।
अमित शाह के साथ एकनाथ शिंदे की जो बातचीत फाइनल हुई वह सामने आ रही है। सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक समझौते के फार्मूले की पेशकश की है। जिसमें उन्होंने तीन रास्ते बताए हैं, जिसमें से बीजेपी को एक चुनना है।
288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति के 230 सीटें जीतने के बाद एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने सत्ता बंटवारे पर चर्चा करने के लिए गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। यह बैठक दिल्ली में हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि चूंकि विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था, इसलिए महिला मतदाताओं, मराठों और अन्य पिछड़ा वर्ग ने महायुति को वोट किया। उन्होंने लाडली बहन योजना, आरक्षण निर्णय और विभिन्न समुदायों के लिए गठित सहकारी बोर्डों के कारण भी महायुति की जीत का जिक्र किया।
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता कहा कि शिंदे ने कहा कि लोगों ने इस उम्मीद के साथ मतदान किया कि वह महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो समाज के इन वर्गों को गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कुछ सर्वेक्षण भी दिखाए जहां वे मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की मुख्य पसंद थे। वहीं बीजेपी नेतृत्व ने कहा कि उनकी पार्टी ने 132 सीटें जीती हैं, अगर अगला मुख्यमंत्री बीजेपी से नहीं होता है तो यह अनुचित होगा।
इसके बाद एकनाथ शिंदे ने दूसरी शर्त रखी कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो उन्हें गृह, वित्त और राजस्व विभाग दिए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ये विभाग दिए जाते हैं और फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो राज्य में सत्ता का संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह तय करेंगे कि किसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके बाद शाह ने महायुति के तीनों नेताओं को मुंबई में फिर से मिलने और उनसे वापस मिलने का निर्देश दिया।
शिंदे ने आगे कहा कि अगर ये तीनों विभाग शिवसेना को नहीं दिए गए तो उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना राज्य में बाहर से समर्थन देगी और पार्टी के सात लोकसभा सांसद भी व्यापक हिंदुत्व के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का बाहर से समर्थन करेंगे।
मुख्यमंत्री को लेकर लगातार अनुमानों का घोड़ा दौड़ रहा है। कभी फडणवीस का नाम चल रहा है, तो कभी किसी और का। दिल्ली से वापसी के बाद चर्चा थी कि महायुति की बैठक होगी। लेकिन दोपहर अचानक ही शिंदे अपने गांव निकल गए। इससे बैठक की आस खत्म हो गई।
बताया जा रहा है कि मंत्री पद के बंटवारे को लेकर शिंदे नाराज हैं इसलिए वे गांव चले गए। इसे शिंदे सेना के विधायक भरत गोगावले ने यह कहते हुए हवा दी कि हमारी सरकार में फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे और उनके पास गृह विभाग का था। तब शिंदे के उपमुख्यमंत्री रहते हुए गृह विभाग क्यों नहीं होना चाहिए?
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
- Agra News: पिता की हत्या कर शव गायब करने के आरोप में बेटा हिरासत में, शव की तलाश में जुटी पुलिस - October 26, 2025
- ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने याद किए आदिवासी नायक, दिया स्वच्छता–पर्यावरण और एकता का संदेश - October 26, 2025
- Agra News: लापरवाही से ताजमहल पर अव्यवस्था हावी, मुख्य मकबरे समेत पूरे परिसर में हर तरफ शू कवर्स ही आए नजर - October 26, 2025