काली मंदिर से प्रातः 5 बजे शुरू होती है भगवान विष्णु की यात्रा, भजन गाते हुए चलती हैं माता-बहनें
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. जब आप सब गहरी और मीठी नींद में खर्राटे मार रहे होते हैं, जब अनेक मोटे लोग टहल रहे होते हैं, तब एक महिला कीर्तन यात्रा निकाल रही होती है। वह सामन्य से अधिक मोटी हैं लेकिन धर्म कर्म में सबसे आगे रहती हैं। वे महिलाओं को धार्मिक कार्य में लगाने का काम कर रही हैं। परिवारों को संस्कारित कर रही हैं।
हम बात कर रहे हैं श्रीमती विमलेश सारस्वत की। वे पश्चिमपुरी में रहती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जाने-माने कार्यकर्ता लालता प्रसार सारस्वत की धर्मपत्नी हैं। यूं तो यह दंपति स्वभावतः ही नहीं, कर्मतः धार्मिक है, लेकिन महिलाओं को गोलबंद करने का काम विमलेश सारस्वत जिस तरह से कर रही हैं, वह अद्भुत है।

वे महिलाओं को एकत्रित कर धार्मिक यात्रा पर निकल जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवी महेश्वरी की कथा सुनने के लिए 7-8 दिन की यात्रा पर निकल पड़ती हैं। साथ में होता है महिलाओं का टोला। आप विमलेश सारस्वत के पास बैठ जाइए तो धार्मिक चर्चा ही करती हैं। उन्होंने अपने नातियों को पैरों में सिर रखकर प्रणाम करना सिखाया है।
विमलेश सारस्वत कार्तिक मास में एक काम और कर रही हैं। वे पश्चिमपुरी (शास्त्रीपुरम, सिकंदरा) स्थित काली मंदिर से भगवान विष्णु की यात्रा निकालती हैं। साथ में अनेक महिलाएं होती हैं। भजन-कीर्तन करती हुई चलती हैं। यह क्रम कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा।

जब हमने इस बारे में विमलेश सारस्वत से पूछा तो उन्होंने कहा, हमारे धर्मशस्त्रों में कार्तिक मास की महिमा का बखान है। कार्तिक मास ईश्वर की आराधना का मास है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि आती है। साथ ही इस महीने में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस माह भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। भगवान विष्णु देवोत्थान एकादशी या देवउठनी एकादशी से जाग जाते हैं। इसके साथ ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। कार्तिक मास को दामोदर माह के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के युग में हमारे बच्चों को संस्कारविहीन करने का षड्यंत्र चल रहा है। खेलने की उम्र में ही बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा दिया जाता है, जो उनके लिए घातक है। हमें चाहिए कि बच्चों को सनातन संस्कृति से परिचित कराएं। उन्होंने आह्वान किया है कि रोजाना प्रातः 5 बजे काली मंदिर पश्चिमपुरी से शुरू होने वाली धार्मिक यात्रा में शामिल होकर पुण्यलाभ अर्जित करें।

अपने मोटापे का रोना रोने वाली महिलाएं विमलेश सारस्वत से सीख सकती हैं कि कैसे सक्रिय रहें, कैसे धर्मकर्म में व्यस्त रहकर सुखमय जीवन की ओर बढ़ें, कैसे बच्चों को संस्कारित करें।
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