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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में एक जुलाई से डिजिटली हाजिरी शुरू हो गई है। शिक्षक एकजुट होकर इसका विरोध कर रहे हैं। बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों? अगर शिक्षक समय पर पहुंचते हैं तो हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके लगे या डिजिटली, इससे क्या फर्क पड़ता है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि शिक्षक स्कूलों में जाते नहीं या जाते हैं तो समय पर नहीं जाते, इसी कारण विरोध कर रहे हैं।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा आगरा के जिला महामंत्री राजीव वर्मा कहते हैं- स्कूलों में साधन नहीं हैं। नेटवर्क नहीं है। बिजली नहीं है। टैब कैसे चार्ज होगा। टैब को सुरक्षित रखना टेढ़ी खीर है। स्कूल में चोरी होने का भय। साथ लाएं तो खराब होने का भय।डिजिटली हाजिरी प्राइमरी स्कूल में ही क्यों, इंटर और डिग्री कॉलेज में क्यों नहीं, सरकारी कार्यालयों में क्यों नहीं, प्रत्येक विभाग में क्यो नहीं? क्या ये सभी समय पर आते हैं।
अध्यापकों को राज्य कर्मचारियों की तरह वर्ष में 30 अर्न लीव नहीं मिलती हैं। हाफ सीएल नहीं मिलती है। गैर हाजिरी लगानी है तो वेतन न काटा जाए। चार दिन लेट तो उसे एक सीएल में बदला जाए। अध्यापकों को 15 साल से प्रमोशन नहीं दिया है।
अनेक स्कूल मुख्य मार्ग से 5-6 कि.मी. अंदर हैं। वहां तक पहुंचने का कोई साध नहीं है। पैदल जाने में एक घंटा लगता है। बारिश में स्कूलों में पानी भर जाता है। आज भी अनेक स्कूलों में तीन फुट तक पानी भरा हुआ है। अनेक स्कूल भवन गिरासू हैं। बच्चों और शिक्षकों की जान संकट में है। इसके बाद भी आशा की जाती है कि सब कुछ ठीक हो।
सरकार ने डिडिटल इंडिया का नारा दिया लेकिन मैन पॉवर नहीं है। नगर क्षेत्र में 135 विद्यालयों में 101 टीचर हैं। एक टीचर पर पांच स्कूलों की चार्ज है। कायदे से 600 टीचर होने चाहिए। हम खाना बनवा रहे हैं। हम वोटर कार्ड बांटने जा रहे हैं। हम सर्वे कर रहे हैं। हम चुनाव करवा रहे हैं। हम मतदाता सूची बना रहे हैं। शिक्षकों को सिर्फ उनके कार्य पढ़ाई तक सीमित कर दो, हम आठ बजे नहीं, पौने आठ बजे आएंगे।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा आगरा के जिला महामंत्री राजीव वर्मा और नगर अध्यक्ष निधि श्रीवास्तव का कहना है कि अगर विद्यालयों को डिजिटल बनाना है तो पहले विद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना होगा, विद्यालय में स्टाफ देना होगा, विद्यालयों की बिल्डिंग को सुधारना होगा तब कहीं जाकर डिजिटल बन सकेगा।

यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा आगरा के जिला अध्यक्ष केशव दीक्षित एवं जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में बताया कि आगरा जनपद के प्रत्येक शिक्षक काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे हैं।
यह कार्यक्रम अग्रिम 14 जुलाई तक अनवरत चलता रहेगा उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
आज ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में कंपोज़िट विद्यालय गंगरौआ ब्लॉक बरौली अहीर आगरा ने तीसरे दिन भी संयुक्त रूप से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। विरोध प्रदर्शन में निम्न शिक्षकों की उपस्थिति रही
ख़ुशनिगार बेगम, के के शर्मा, प्रदीप यादव, छाया तिवारी, शशी यादव, ममता वर्मा, सुजाता चतुर्वेदी, मीना रानी, सुधा शर्मा, नेहा सक्सेना, मीनाक्षी सोनी, निशा सिंह, संगीता वर्मा, भूरी सिंह, नीतू, पूजा, हेमलता चौहान एवं अन्य ने ऑनलाइन अटेंडेंस का काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।
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