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दादाबाड़ी को संवारने वाली जैन साध्वी शशिप्रभा का दुर्घटना में निधन, शोक की लहर, चातुर्मास के बाद 50-60 साधुओं की मौत, यह राष्ट्रीय आपदा

RELIGION/ CULTURE
  • वे मोतीकटरा के श्वेताम्बर जैन मंदिर के जीर्णोद्धार का प्रयास कर रही थीं, आचार्य श्री ने राज्यपाल को पत्र लिखाः सुनील कुमार जैन
  • मैं भगवान महावीर स्वामी की पद विहार व्यवस्था का कट्टर समर्थक, मेरी पदयात्रा जेट कैटेगरी की तरहः विश्व रत्न सागर महाराज
  • चातुर्मास के बाद जैन साधु की वही गत जो महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के बाद गणेश जी की होती है
  • बीमार और साध्वी वाहनों का प्रयोग करें, आचार्य इस बारे में योजना बनाएं तो साधुओं की जीवन बचा सकते हैं: सुशील जैन

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India. Bharat. पश्चिम बंगाल के हल्दिया में 26 जून को सुबह करीब 5 बजे पूर्वी मेदिनीपुर के पांशकुड़ा थाना अंतर्गत खड़गदपुर-जानाबाड़ बाईपास पर 3 जैन साध्वियां पैदल विहार कर रहीं थीं। इसी दौरान एक निजी कार ने इन्हें टक्कर मार दी। घटनास्थल पर ही खरतरगच्छ जैन समुदाय की शशिप्रभाजी महाराज का निधन हो गया।  दो गंभीर हैं। जैन समाज में शोक की लहर है। शशिप्रभा महाराज ने अशोक जैन सीए के साथ जैन तीर्थ दादाबाड़ी का वर्तमान स्वरूप प्रदान किया।

इस संबंध में पारस पर्ल्स अपार्टमेंट लोहामंडी में हुई सभा में शशिप्रभा महाराज के दुर्घटना में निधन पर गहरा शोक प्रकट किया गया। 2500 किलोमीटर का पदयात्रा कर आगरा पधारे आचार्य श्री विश्व रत्न सुंदर सागर महाराज, कीर्ति रत्न सागर महाराज और साध्वी पूजा ज्योति महाराज आदि ने गहरा शोक प्रकट किया।

विश्व रत्न सुंदर सागर महाराज ने कहा कि चातुर्मास के पश्चात 50-60 साधु-साध्वियों का देवलोकगमन हो गया। यह राष्ट्रीय समस्या और आपदा है, जो बोलकर नहीं आती। मैं इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहा हूँ। किसी के साथ दुर्घटना होती है तो सैकड़ों टेलीफोन मेरे पास आते हैं कि अपना ध्यान रखना है। यह गंभीर टेंशन है। मंदिरमार्गी अनगिनत संतों का नुकसान हुआ है।

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राजकुमार जैन और बृजेंद्र लोढ़ा ने आचार्य श्री विश्व रत्न सागर महाराज को क्या समझाया।

उन्होंने कहा कि निहत्था जैन साधु सड़क पर एक साइड से चलता है। कुछ ऐसे ट्रक ड्राइवर होते हैं तो ओवर कॉन्फिडेंस में रहते हैं। कुछ शराब पिए होते हैं तो कुछ नींद में होते हैं। 50 फुट लंबी बस को थोड़ा सा मोड़ने पर पीछे क्या हो रहा है, कोई नहीं जानता है। सात बजे के बाद सड़क पर चलना संभव नहीं है। इस बारे में चिंतन मनन होना चाहिए। विचार करें वर्ना कल कौन मां-बाप बच्चे को जैन साधु बनाएगा।

विश्व रत्न सुंदर सागर महाराज कहा कि मैं सक्षम हूँ। मेरी पदयात्रा जेड कैटेगरी की तरह है। हम पांच संत और चार गाड़ियां हैं। मेरे लम्बे विहार होते हैं। परमात्मा की कृपा से हमें कोई खरोच नहीं आई है। मैं भगवान महावीर स्वामी की पद विहार व्यवस्था का कट्टर समर्थक हूँ। दुर्भाग्य यह है कि हमें साधु की तो जरूरत है लेकिन चातुर्मास तक। इसके बाद तो साधु की वही गत होती है जैसे महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के बाद गणेश जी की।

श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा कि शशिप्रभा महाराज से आगरा संघ के श्रावक जुड़े हुए थे। उन्हें देखते ही भगवान महावीर स्वामी का स्मरण होता था। मोतीकटरा मंदिर को लेकर सुनील कुमार जैन से चर्चा हुई थी। उन्होंने दादाबाड़ी का जीर्णोद्धार कराया। वैराग्य जीवन को सफल बनाकर जिन शासन की प्रभावना की, जो अतुलनीय है।

दादाबाड़ी ट्रस्ट क कोषाध्यक्ष दुष्यंत लोढ़ा ने शशिप्रभा महाराज के विदेश में भी लाखों अनुयायी और 30 शिष्याएं हैं। शेरनी की तरह बोलती थीं। कई भाषाओं का जानकार थीं। कई पुस्तकें लिखी हैं। लाखों लोगों को सन्मार्ग दिखाया। जीवभर सिर्फ एक बार भोजन किया।

2500 कि.मी. की पदयात्रा कर आगरा पधारे आचार्य विश्व सुंदर सागर ने सुनाई जबरदस्त कहानी

आगरा विकास मंच के संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि बीकानेर में शशिप्रभा महाराज से जिन शासन पर एक घंटा तक चर्चा हुई थी। राष्ट्र, धर्म और परिवार हित का संदेश दिया। सबको समाजहित के कार्यों में लगाती थीं। वे मोतीकटरा के श्वेताम्बर जैन मंदिर के जीर्णोद्धार का प्रयास कर रही थीं। कहती थीं कि जब तक मैं आगरा आऊँ, मंदिर को पूर्ण करा दें। गौड़ीय पार्श्वनाथ मंदिर की चर्चा आचार्य जी से की है।  उन्होंने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से संपर्क कर पत्र लिखा है।

स्थनाकवासी समाज के महामंत्री सुशील जैन ने बताया कि पदयात्रा के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 60-70 जैन साधु देवलोक जा चुके हैं। ट्रैफिक के कारण विहार मुश्किल हो गया है। जरूरत इस बात की है कि बीमार और साध्वी वाहनों का प्रयोग करें। आचार्य इस बारे में योजना बना लें तो साधुओं की जीवन बचा सकते हैं।

जैन श्वेताम्बर पत्रिका के संपादक बृजेंद्र लोढ़ा ने घटना के संबंध में पूरी जानकारी दी। सभा का आयोजन रोबन जैन और संदेश जैन ने कराया। बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।

Dr. Bhanu Pratap Singh