भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 17.7 प्रतिशत बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये हो गया। कर विभाग ने रविवार को कहा कि यह राशि संशोधित अनुमानों से काफी अधिक है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में सबसे बड़ी हिस्सेदारी
आयकर और कॉरपोरेट कर संग्रह 2023-24 के दौरान बजट अनुमानों से 1.35 लाख करोड़ रुपये (7.40 प्रतिशत) और संशोधित अनुमानों से 13,000 करोड़ रुपये अधिक रहा। इनकी प्रत्यक्ष कर संग्रह में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2023-24 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (अनंतिम) 18.48 प्रतिशत बढ़कर 23.37 लाख करोड़ रुपये हो गया। रिफंड के बाद शुद्ध आय 17.7 प्रतिशत बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये रही।
प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े अर्थव्यवस्था में उछाल और व्यक्तियों तथा कॉरपोरेट की आय में वृद्धि को दर्शाते हैं। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध संग्रह 19.58 लाख करोड़ रुपये है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 16.64 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस वर्ष के लिए संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में संशोधित कर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।
-एजेंसी
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