पुलिस कमिश्नर बोले- जगदीशपुरा जमीन घोटाले में किसी को नहीं बख्शेंगे
आगरा: थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्जा कराने को दो परिवारों को जेल भेजने के मामले में तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, कमल चौधरी और धीरू चौधरी सहित 15 अज्ञात के खिलाफ डकैती सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए पुलिस आयुक्त ने एसआईटी का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता डीसीपी सिटी करेंगे।
जगदीशपुरा पुलिस ने जमीन पर कब्जा कराने के लिए दो परिवार को झूठे केस में फंसा दिया। पहले गांजा तस्करी में दो सगे भाइयों को जेल भेजा। फिर अवैध शराब बनाने के केस में महिलाओं को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया। दो महीने बाद मामला डीजीपी तक पहुंचा। इसके बाद शनिवार को तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार (वर्तमान एसओ एमएम गेट) और उनके साथ शामिल तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में आज रविवार को पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी और अन्य 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। आरोपियों को कतई नहीं बख्शेंगे।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर आगे तक की पूरी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पीड़ितों पर दर्ज किए गए फर्जी केस वापस लिए जाएंगे। जिस दस हजार गज जमीन से परिवार का कब्जा खाली कराया गया था, उस जमीन को पीड़ित परिवार को वापस कर दिया गया है। उन्हें उस जमीन पर पुनर्वासित कर दिया गया है।
बता दें कि जगदीशपुरा क्षेत्र में बोदला-लोहामंडी मार्ग पर बीएस कांप्लेक्स के पास बेशकीमती चार बीघा जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से रातोंरात कब्जा हुआ था। इस जमीन पर बने तीन कमरों में रहने वाले दो रवि कुशवाह और शंकरिया कुशवाह व चौकीदार ओमप्रकाश को 26 अगस्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर गांजा बेचने के फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया। तीनों से नौ किलोग्राम गांजा बरामद दिखाया गया। चार महीने से अधिक समय तक जेल में रहे बेकसूर रवि को आठ और शेष दो को नौ दिसंबर को जमानत मिली।
बेकसूरों को जमानत मिलने से पहले ही पुलिस ने काम पूरा कर दिया। विवेचक दरोगा आशीष कुमार त्यागी ने 17 सितंबर को ही तीनों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। चार्जशीट में साक्ष्य के तौर पर खेत में गांजे के साथ खींचे गए फोटो लगाए गए। इसमें तीन कट्टे गांजा और स्कूटर बरामद दिखाए गए।
रवि को जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी पूनम ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी के आफिस में गुहार लगाई थी। उसने बताया कि जमीन खाली न करने पर जेल भेजने की धमकियां मिल रही थीं। इसके पांच दिन बाद ही पुलिस ने पूनम और उसकी ननद पुष्पा को अवैध शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद जमीन पर कब्जा कराया गया।
-एजेंसी
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