कनाडा के 3 कॉलेज दिवालिया घोषित, हजारों भारतीय छात्रों का भविष्‍य अधर में

INTERNATIONAL


कनाडा के क्‍यूबेक में अचानक से 3 कॉलेजों के दिवालिया घोषित किए जाने से हजारों की तादाद में भारतीय छात्रों का भविष्‍य अधर में लटक गया है। इस बड़े संकट को देखते हुए ओटावा में भारतीय उच्‍चायोग ने प्रभावित छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। लाखों रुपये खर्च करके शिक्षा हासिल करने गए ये भारतीय छात्र अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं।
कनाडा के जो तीन कॉलेज दिवालिया घोषित किए गए हैं, उनमें एम कॉलेज मॉन्ट्रियल, सीडीई कॉलेज शेरब्रुक और सीसीएसक्‍यू कॉलेज लांग्युइल शामिल हैं। इन कॉलेजों ने पहले ट्यूशन फीस जमा करने और पैसे देने के लिए दबाव बनाया फिर अचानक से छात्रों को इस महीने एक नोटिस जारी कर दिया कि वे कॉलेज को बंद कर रहे हैं। कनाडा के सीबीएस न्‍यूज़ ने बताया कि सभी तीन कॉलेज छात्रों को भर्ती करने वाली फर्म एक ही थी। इसका नाम राइजिंग फोनिक्‍स इंटरनेशनल है।
छात्रों को भर्ती करने का तरीका सवालों के घेरे में
अब इस फर्म ने दिवालिया होने का आवेदन दिया है। इन कॉलेजों के दिवालिया होने का आवेदन ऐसे समय पर आया है जब क्‍यूबेक में कई निजी कॉलेजों के खिलाफ जांच शुरू हुई है। इसमें एम कॉलेज और सीडीई कॉलेज शामिल है। इनका छात्रों को भर्ती करने का तरीका सवालों के घेरे में है। इन कॉलेजों के अचानक से बंद होने की वजह से भारतीय छात्र भारत के उच्‍चायोग मदद मांगने पहुंच गए।
इन भारतीय छात्रों में से कई ने तो हजारों डॉलर की फीस जमा की थी। ऐसे स्‍टूडेंट की पढ़ाई अब रुक गई है। भारतीय उच्‍चायोग ने अपने बयान में कहा, ‘उच्‍चायोग के पास भारत से आए कई स्‍टूडेंट पहुंचे थे जो इन तीन कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे थे। अगर स्‍टूडेंट्स को फीस वापसी या उसके हस्‍तातंरण में दिक्‍कत आती है तो वे क्‍यूबेक सरकार के उच्‍च शिक्षा मंत्रालय से शिकायत कर सकते हैं।’ उच्‍चायोग ने आश्‍वासन दिया कि ऐसे कई रास्‍ते हैं जिसके जरिए फीस को वापस कराया जा सकता है।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh