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25 साल पहले आगरा ने बांझपन को हराया था, पढ़िए रोचक इतिहास, देखें तस्वीरें

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मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में जन्मा था प्रदेश का पहला आईवीएफ शिशु

9 साल पहले शुरू हुए रेनबो आईवीएफ में छांई खुशियां, उत्सव मनाया गया

Agra, Uttar Pradesh, India. दुनिया भर में विज्ञान ने ऐसे कारनामे किए हैं जिन्होंने इंसानों के विकास को तेजी से आगे बढ़ाया। 01 अगस्त भी एक ऐसा दिन है जब मेडिकल साइंस ने आगरा में अपना चमत्कार दिखाया। 25 साल पहले मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में उत्तर प्रदेश के पहले आईवीएफ शिशु का जन्म हुआ। केंद्र की दूसरी शाखा रेनबो आईवीएफ ने भी बेहद तेज तकनीकी विकास और प्रतिष्ठित आईवीएफ केंद्र के रूप में अपना 09 वर्ष का सफर पूरा कर लिया है।

 

मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में जन्मा शिशु 26 साल का और रेनबो में जन्मा प्रदेश का पहला आईवीएफ शिशु उत्सव 25 वर्ष का हो चुका है। इस अवसर को केंद्रों पर उत्सव डे के रूप में मनाया गया। ऐसे कई दंपति आए जो माता-पिता बनने की उम्मीद छोड़ चुके थे और रेनबो आईवीएफ के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

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निदेशक डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि 25 साल पहले जब हमें आईवीएफ पद्धति से पहले शिशु का जन्म कराने में सफलता मिली तो यह किसी उत्सव से कम नहीं था। वहीं दयालबाग में रहने वाले लाभान्वित परिवार के लिए भी यह दुनिया की सबसे बड़ी खुशी थी। इसलिए इस पहले शिशु का नाम भी उत्सव रखा गया। इस खबर के फैलते ही इस नई प्रणाली से बच्चा प्राप्त करने की इच्छा जाहिर होने लगी थी, तमाम ऐसे दंपति संपर्क करने लगे जिन्हें प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति में दिक्कतें हो रही थीं। डॉ. नीहारिका मल्होत्रा ने बताया कि शानदार सफर जारी है।

 

वर्ष 2013 में बेहद अत्याधुनिक तकनीकों और विश्वस्तरीय लैब के साथ रेनबो आईवीएफ की स्थापना हुई। डॉ. जयदीप की देखरेख में यहां डॉ. केशव मल्होत्रा, डॉ. नीहारिका मल्होत्रा, डॉ. डॉ. शैली गुप्ता, डॉ. नीरजा सचदेव की सर्वश्रेष्ठ टीम काम कर रही है। यह सफर यहीं नहीं रुका। इस केंद्र की नेपाल, बांग्लादेश, लुधियाना, जालंधर, हिसार, दिल्ली, बरेली, वाराणसी आदि को मिलाकर 18 शाखाओं ने 12500 से अधिक निसंतान दंपतियों के सपने पूरे किए। नेपाल के पहले और 500 आईवीएफ शिशुओं का जन्म कराने का कीर्तिमान भी डॉ. जयदीप और डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा के नाम है, जिसके लिए उन्हें नेपाल सरकार द्वारा तीन बार नेपाल सम्मान नवाजा जा चुका है। डॉ. जयदीप और डॉ. नरेंद्र तीन मेडिकल कॉलेजों को भी प्राविधिक सहायता प्रदान करते हैं।

 

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वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. आरसी मिश्रा ने भी रेनबो आईवीएफ की प्रशंसा की। रीजनल बिजनेस हैड, सिग्नस मेडिकेयर प्रा. लि. प्रशांत बजाज ने शुभकामनाएं दीं। व्यवस्थाएं महाप्रबंधक राकेश आहूजा और रवि अग्रवाल ने संभालीं।

 

इस अवसर पर डॉ. शशिकांत वीवी, डॉ. विनीश जैन, डॉ. रेणुका डंग, डॉ. वंदना कालरा, डॉ. राजीव लोचन शर्मा, डॉ. मनप्रीत शर्मा, डॉ. सेमी बंसल, डॉ. नीरजा सचदेव, डॉ. शैली गुप्ता, डॉ. प्राची मेहता, डॉ. विशाल गुप्ता, डॉ. आकांक्ष अरोड़ा, डॉ. उमेश वर्मा, डॉ. एके मित्तल, रमन वासन, डॉ. राहुल गुप्ता, डॉ. पल्लव गुप्ता, डॉ. समीर भारद्वाज, डॉ. एकता, डॉ. उमी रूमान, डॉ. सवाना मास्की, डॉ. श्रुति, डॉ. सुमित्रा थापा, नयनतारा, भगवान सिंह, साधना, अंकित आदि मौजूद थे।

 

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एक जिद थी, जिसे जीत में बदलना थाः डॉ. जयदीप मल्होत्रा

डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि देश-दुनिया में 15 प्रतिशत तक ऐसे युगल होते हैं जिनके बच्चे नहीं हो पाते। जब मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 1996 में स्थापित हुआ था, एक टियर टू सिटी में तब हमारा सपना यही था कि आगरा से जो लोग दिल्ली, मुंबई, कोलकाता नहीं जा सकते उन्हें कैसे यह उपचार यहीं उपलब्ध कराया जाए। मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर उत्तर प्रदेश का पहला प्राइवेट टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर था।

सबसे अधिक है सफलता दर : डॉ नरेंद्र मल्होत्रा

डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि सेंटर की आईवीएफ सफलता दर इसे खास बनाती है। यह एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी सर्वश्रेष्ठ केंद्र है। दुनिया भर से ट्रेनी यहां आते हैं। हमारे पास एक अत्याधुनिक आईवीएफ लैब है, उत्कृष्ट एंब्रियोलॉजिस्ट हैं जो महत्वपूर्ण अंग होते हैं। देश का पहला आरआई विटनेस सिस्टम निगरानी रखता है कि सैंपल्स या एग्स मिक्सअप नहीं हों, इसी तरह एंब्रियोस्कोप, ऑटोमेटिक क्रायोस्टोरेज सिस्टम देश में पहली बार इसी लैब में स्थापित हुए।

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बेहद रोचक है भ्रूण की दुनिया: डॉ. केशव मल्होत्रा

रेनबो आईवीएफ के लैब डायरेक्टर और एंब्रियोलॉजिस्ट डॉ. केशव मल्होत्रा ने बताया कि सेंटर की आईवीएफ लैब विश्वस्तरीय है। यहां वे सुविधाएं और संसाधन मौजूद हैं जो प्रदेश या शायद देश में पहली बार किसी आईवीएफ लैब में स्थापित हुए। आरआई विटनैस एक बहुत ही आधुनिक तकनीक है, जिसमें सैंपल्स या एग्स के मिक्सअप की संभावनाएं नहीं रहतीं। एंब्रियोकल्चर से जुड़ी एक अन्य आधुनिक तकनीक या उपकरण है एंब्रियोस्कोप, लैब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस है और यहां का वातावरण बाहरी वातावरण से एकदम अलग है। इक्सी के लिए आधुनिक तकनीक है। मल्टीशॉट्स लेजर सिस्टम है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh