प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की चेयर पर्सन और पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को धमकी मिली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें यह धमकी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन की तरफ से दी गई है। इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप भी जारी किए हैं। धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा। इस ऑडियो क्लिप में यह भी कहा गया है कि वह मामले की जांच आगे न बढ़ाएं। संगठन ने अपनी धमकी में आगे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज को हम किसी भी हालत में इस मामले की जांच नहीं करने देंगे। इतना ही नहीं, इस क्लिप में यह भी कहा गया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की भी लिस्ट बना रहे हैं और सबका हिसाब होगा। ऑडियो क्लिप में आगे कहा गया है कि पहले हमने अधिवक्ताओं को चेतावनी दी थी। मुद्दा पीएम मोदी और सिखों के बीच था, लेकिन आपने (इंदु मल्होत्रा) एसएफजे के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और खुद को एक खतरनाक स्थिति में डाल दिया है। अब हम मुस्लिम विरोधी और सिख विरोधी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं को जवाबदेह ठहराएंगे। एक मीडिया समूह ने इस बात की जानकारी दी है।
बता दें कि पहले भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को इस मामले में धमकी भरे कॉल आए थे।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को आए थे कॉल
इससे पहले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने दावा किया था कि उन्हें धमकी वाले रिकॉर्डेड संदेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय कॉल आया है। इसमें उनसे मोदी की सुरक्षा में चूक मामले को सुप्रीम कोर्ट में नहीं उठाने और मामले की सुनवाई में मदद नहीं करने की धमकी दी गई थी। दावा किया जा रहा है कि यह कॉल सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से आया है। इस संदेश में पिछले बुधवार को पंजाब में मोदी का काफिला रोकने की जिम्मेदारी भी ली गई। रिकॉर्डेड संदेश में यह दावा भी किया गया कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पर्याप्त नहीं है। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने इस प्रकरण की एनआईए जांच की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
क्या है मामला?
पांच जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शनकारी मिल गए जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा। जिस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था।
गृह मंत्रालय ने लगाया था पंजाब सरकार पर आरोप
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और ट्रेवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। उन्हें इससे जुड़े इंतजाम करने थे, जो नहीं किए गए। गृह मंत्रालय ने कहा कि जब यात्रा मार्ग बदल गया तो पंजाब सरकार को अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती करनी थी ताकि सड़क मार्ग से यात्रा सुरक्षित रहे, लेकिन अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए।
-एजेंसियां
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