यूपी में यमुना मथुरा में सबसे ज्यादा मैली है

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। मथुरा में यमुना के विश्राम घाट पर प्रतिदिन आरती होती है। बडी संख्या में आज भी श्रद्धालु नियमित रूप से यमुना स्नान करने के बाद ही मंदिरों में ठाकुर जी के दर्शन करते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश का धर्मिक महत्व का जिला मथुरा जहां यमुना सबसे ज्यादा मैली है। धर्म के नाम पर इस धार्मिक नगरी ने यमुना को लेकर कई बडे आंदोलन किये हैं। वर्षों से मथुरा के लोग यमुना को लेकर काफी चिन्तित हैं तथा यहां के राजनेताओं ने यहां के लोगों को लुभाने के लिये यमुना को लेकर तमाम रणनीति बनाने का ढौंग किया और अभी तक इस बहाने से ठगते चले आ रहे हैं। नालों को टेप किये जाने को लेकर कागजों पर हो हल्ला मचता है। इतना सब कुछ होने के बावजूद मथुरा में यमुना की यह हालत बहुत कुछ बयां करती हैं। उप्र में यमुना नोएडा से प्रयागराज तक मथुरा में सबसे ज्यादा गंदी रिकार्ड की गयी है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की जनवरी से जुलाई तक की 20 सैंपलिंग प्वॉइंट की रिपोर्ट से यह स्थिति सामने आई है।

मथुरा की डाउन स्ट्रीम में टोटल कॉलिफार्म की मात्रा 107287
यूपीपीसीबी द्वारा प्रतिमाह दो बार यमुना जल की सैंपलिंग की जाती है। उसकी जांच यूपीपीसीबी के लखनऊ कार्यालय में की जाती है। यूपीपीसीबी की वेबसाइट पर नोएडा से प्रयागराज तक 20 सैंपलिंग प्वॉइंट की जनवरी से जुलाई तक की माहवार और औसत के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई है। औसत के आधार पर देखें तो मथुरा की डाउन स्ट्रीम में टोटल कॉलिफार्म की मात्रा 107287 मोस्ट प्रोबेबल नंबर प्रति 100 मिलीलीटर दर्ज की गई।

1.5 करोड रूपये जारी होने के बाद भी पंपिंग स्टेशन नहीं कर रहे पूरी क्षमता से काम
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने नगर आयुक्त रविन्द्र कुमार मांदढ के साथ विभिन्न पम्पपिंग स्टेशनों का औचक निरीक्षण किया। सहायक नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि कालीदेह पम्पपिंग स्टेशन एवं रूकमणी विहार पम्पपिंग स्टेशन पर पुराने पम्पपिंग होने के कारण पूर्ण क्षमता में कार्य नहीं कर पा रहा है, जिसके कारण ओवरफ्लो होने की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि 1.50 करोड़ रूपये दिये जा चुके हैं, प्रत्येक दशा में 30 अक्टूबर तक नये पम्पपिंग सेट खरीदने के पश्चात कार्य को सुचारू रूप से चालू किया जाये। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में सीवर का पानी यमुना में न जाने दिया जाये। उन्होंने नगर आयुक्त से 05 टैप किये गये नालों की जानकारी भी प्राप्त की।

वृंदावन से गोकुल तक यमुना में सीधे गिर रहे हैं नाले
वृंदावन से गोकुल तक मथुरा में नाले सीधे गिर रहे हैं। गोकुल चेयरमैन संजय दीक्षित ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली गोकुल में आधा दर्जन घाट दुर्दशा का शिकार हैं। यमुना में गिरने वाले नालों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के साक्षी रहे इन घाटों की स्थिति बहुत ही खराब कर दी है। गोकुल का होली चबूतरा, जहां प्राचीन होली होती है उस मुरलीधर घाट पर लगभग 30 साल से आधे गोकुल के सीवर का गंदा पानी भरा रहता है।

सैंपल स्थल, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल कॉलिफार्म
अप स्ट्रीम वृंदावन, 6.1, 8.1, 61167, 48000, केशी घाट वृंदावन, 5.9, 8.6, 70714, 47000,डाउन स्ट्रीम वृंदावन, 5.8, 8.6, 68857, 51500, अप स्ट्रीम मथुरा, 6.2, 8.7, 81714, 63167, शाहपुर मथुरा, 5.9, 8.8, 92714, 67571, विश्राम घाट मथुरा, 6.2, 9.5, 91143, 68286, डाउन स्ट्रीम मथुरा, 6.0, 9.4, 107286, 77833

Dr. Bhanu Pratap Singh