सदियों से पर्यटन हमेशा ही विश्व के लोगों की पसंद और जरूरत रही है| वास्कोडिगामा ने भी भारत की खोज घुमकड़ी के तहत की थी| भारत में भी हमेशा से ही लोग पर्यटन के प्रति काफी सजग रहे हैं और यात्राएं करते रहे हैं| भारतवासियों की पहली पसन्द धार्मिक स्थल है। किसी भी देश की आर्थिक, सांस्कृतिक, रमणीक स्थल, धरोहर, आर्किटेक्चर, वहां के धार्मिक स्थल के साथ हर देश के सभी वर्गों को तादाद में रोजगार मुहिम कराने का एक सबसे बड़ा साधन है| ख़ास बात है अंगूठा छाप से लेकर उद्योग की तकनीक ज्ञान वाले सब को रोज़गार मिलता है। श्रीलंका, नेपाल, बैंकांक, मलेशिया आदि देश पर्यटन पर निर्भर करते हैं। भारत के कई राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा आदि पर्यटकों से अच्छी कमाई करते हैं। आगरा की बात करें तो करीब चार-पांच लाख लोग सीधे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
आज विश्व पर्यटन दिवस है। विश्व में 27 सितंबर को हर वर्ष विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे सीधा सा उद्देश्य लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक करना और अपने देश की आर्थिक उन्नति और समृद्धि बढ़ाने के साथ देश के लोगों को रोजगार देना। जब भी हम घर से किसी यात्रा पर जाते हैं चाहे वह धार्मिक हो, भौगोलिक हो या धरोहर की हो तो हमें बहुत कुछ देखने को और सीखने को, मनन करने को मिलता है। दिल दिमाग को एक सुकून देता है| इस बार पर्यटन दिवस की थीम है- पर्यटन और ग्रामीण विकास। आज कोविड-19 द्वारा जो विश्व में तबाही मचाई गई है और सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन क्षेत्र को हुआ है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए ग्रामीण परिक्षेत्र को व ग्रामीणों को विकसित करके पर्यटन को बढ़ावा देते हुए उस देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। पूरे विश्व में जितने भी पर्यटन व्यवसायी हैं या पर्यटन संगठन, इस दिन अपने देश में आने वाले पर्यटकों का न केवल बहुत अच्छे से इस्तकबाल करते हैं बल्कि अपने देश के पर्यटन स्थल के प्रति जागरूक करते हैं|
आज कोविड 19 के समय पर आगरा प्रशासन प्रदेश के सरकार को व केंद्र सरकार को विश्व पर्यटन दिवस को इतनी धूमधाम से मनाना चाहिए और अपनी तरफ से केंद्र सरकार को पर्यटन के उत्थान के लिए कुछ राहत देनी चाहिए। कुछ सुविधा देनी चाहिए ताकि हम देशी-विदेशी पर्यटकों को भारत बुलाकर उन्हें केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर से मिलवाएं बल्कि गिरती हुई देश की अर्थव्यवस्था को संभालने का काम करें| लोकस्वर संस्था की तरफ से सभी लोगों को बहुत साधुवाद देता हूं| अच्छी मेजबानी करना है, यही एकमात्र मूल मंत्र है जिससे हम न केवल अपने देश की छवि सुधारेंगे बल्कि अपने साथ-साथ देश को भी आर्थिक लाभ पहुंचाएंगे|
इस लेख का समापन ख्वाजा मीर दर्द के इस शेर के साथ करना चाहता हूं और आप सबसे आग्रह करना चाहता हूं कि पहले अपना देश और फिर विदेश खूब घूमें-
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

राजीव गुप्ता जनस्नेही, आगरा
संपदा पत्रिका
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