आज विश्व मलेरिया दिवस है। भारत में यह बीमारी महामारी के रूप में हजारों लोगों की जान ले चुकी है। कोरोना वायरस के इस दौर में मलेरिया के बारे में भी आपको जरूर पता होना चाहिए।
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। इस महामारी से भारत में 750 से ज्यादा और दुनियाभर में तकरीबन 2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। एक समय ऐसा भी था जब कुछ इसी तरह मलेरिया ने भी भारत में हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था। हालांकि डॉक्टरों ने इस पर जीत हासिल की और इसकी वैक्सीन को खोज निकाली। विश्व मलेरिया दिवस पर आज हम आपको मलेरिया से जुड़ी सारी जानकारी बताएंगे। मलेरिया क्यों होता है? मलेरिया क्या है? इसके लक्षण कैसे होते हैं?
क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस ?
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करना और इस बारे में सतर्क रहने की सलाह देना कि वह मलेरिया की चपेट में आने से बचे रहें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा इस बार विश्व मलेरिया दिवस पर इसकी थीम “जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विद मी” रखी गई है। कोरोना वायरस महामारी के बीच आज विश्व मलेरिया दिवस के बारे में उस प्रकार से जागरूकता अभियान और रैलियां नहीं आयोजित की जा सकतीं, जिस प्रकार से हर साल की जाती थी। आइए अब जानते हैं कि मलेरिया बीमारी के बारे में कुछ रोचक बातें जानते हैं।
मलेरिया क्यों और कैसे?
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है और इंसान को सही समय पर इलाज ना मिले तो इस कारण मौत भी हो जाती है। मलेरिया मादा मच्छर के काटने के कारण होता है। एक मादा मच्छर एक बार में 300 से भी अधिक अंडे देने की क्षमता रखती है। मलेरिया फैलने के लिए जिस प्रजाति के मादा मच्छरों को जिम्मेदार माना जाता है उनका नाम ‘एनाफिलीज’ है। इनकी तीन अलग-अलग प्रजातियां होती हैं। मलेरिया को दो प्रकार में बांटा गया है- एक अनकंप्लिकेटेड मलेरिया और दूसरा सीवियर मलेरिया। बारिश के मौसम में एनाफिलीज मच्छरों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए इनके लक्षण और बचाव के तरीके जानना बहुत जरूरी है।
मलेरिया के लक्षण क्या हैं?
नीचे बताए जा रहे लक्षणों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और बदलते हुए मौसम में यदि आपको कभी भी मच्छर काटने की वजह से ऐसी शिकायत दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति में निम्न प्रकार के लक्षण दिखते हैं।
संक्रमित व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है
उसे उल्टी या मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
तेज बुखार आता है
ठंड लगकर या फिर कंपकंपी के साथ बुखार आता है
बुखार लंबे समय तक बना रहता है
थोड़ी-थोड़ी देर पर प्यास लगती है
हाथ और पैर में ऐंठन बनी रहती है
थकान और कमजोरी महसूस होती है
घबराहट और बेचैनी जैसा अनुभव होता है
बहुत ज्यादा ठंड लगती है और शरीर में खून की कमी हो जाती है
मलेरिया से बचे रहने के लिए क्या करना चाहिए?
मलेरिया से बचाव करने के लिए सबसे पहले जरूरी बात यह है कि आप अपने आसपास की सफाई रखें। यहां कुछ ऐसे ही खास बचाव उपाय बताए जा रहे हैं जिनका का आप विशेष रूप से ध्यान रखकर अपने आपको मलेरिया की चपेट में आने से बचाए रखेंगे।
अपने आसपास कहीं पर भी पानी ना इकट्ठा होने दें।
बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तरह से ढक दें ताकि उनमें पानी इकट्ठा न हो पाए।
पेस्ट कंट्रोलिंग से महीने में एक बार घर के आस-पास छिड़काव जरूर करवाएं।
कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।
घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें।
अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं।
बारिश के दिनों में ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें ताकि मच्छर आपको काटे ना।
कहीं बाहर की यात्रा करने के दौरान साफ पानी पिएं।
मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए?
मलेरिया से ग्रसित हो चुके व्यक्ति को अपनी डायट पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि वह संक्रमण के कारण होने वाले दुष्प्रभाव को रोककर जल्द से जल्द ठीक हो सके। डॉक्टर रिसर्च के अनुसार, मलेरिया पीड़ित व्यक्ति को खिचड़ी, दलिया, गाजर, चुकंदर, पपीता, दाल-रोटी, हरी सब्जी, अंडा, मछली, नारियल पानी और विटामिन सी युक्त जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यह खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो शरीर में खून की कमी नहीं होने देते और मलेरिया के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिम को भी काफी हद तक कम कर देते हैं।
-एजेंसियां
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