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अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की बाल रूप प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा,  माता जानकी कहां रहेंगी

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वैदिक सूत्रम चेयरमैन भारत के नास्त्रेदमस के नाम से सम्पूर्ण विश्व में विख्यात एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को सोमवार को गर्भगृह में भगवान श्रीराम की अमृत सिद्धि योग में राम लला की बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा के सन्दर्भ में अपनी पूर्वजन्म की अतीन्द्रिय दिव्य शक्तियों के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण रहस्यमयी तथ्यों की तरफ इशारा किया है।

pramod gautam
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उन्होंने बताया कि नववर्ष 2024 का मूलांक ब्रह्मांड के न्यायाधीश शनि ग्रह का है इसलिए सम्पूर्ण नववर्ष में शनि ग्रह का पूर्ण प्रभाव रहेगा। इसलिए नववर्ष 2024 में एक बात सदैव स्मरण रहे कि आपके भीतर लगी ईर्ष्या की आग दूसरों को जलाए ना जलाए पर स्वयं को जरूर नववर्ष 2024 में जलाने वाली साबित हो सकती है, इसलिए संतोष और ज्ञान रूपी जल से इसे और अधिक भड़कने से रोकने की कोशिश अवश्य करें ताकि आपके जीवन में खुशियाँ नष्ट होने से बच सकें। दूसरों को देखकर जलो मत साथ-साथ चलने की कोशिश नववर्ष 2024 में अवश्य करें।

आदरणीय नव वर्ष 2024 की मंगल कामनाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
आइए, इस वर्ष कुछ नया करें। सकारात्मक बनाने वाली पुस्तक पढ़ें और दूसरों को उपहार में दें मात्र 49 रुपए में।

डॉ. भानु प्रताप सिंह, पत्रकार, आगरा
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फाइव स्टार रेटिंग और कमेंट का भी अनुरोध है।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के सन्दर्भ में अपनी पूर्वजन्म की अतीन्द्रिय शक्तियों के आधार पर कुछ रहस्यमयी तथ्यों के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि 22 जनवरी 2024 को अमृतसिद्धि योग में मृगशिरा नक्षत्र में सोमवार को मध्यान्ह 12 बजकर 29 मिनट पर अभिजीत महूर्त में भगवान श्रीराम की भले ही बाल रूप प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी लेकिन श्री राम प्राण-प्रतिष्ठा के बाद माता जानकी के साथ त्रेतायुग की पौराणिक काल की धरोहर, अपने राजमहल अयोध्या में गर्भगृह स्थल में दिव्य रूप में संयुक्त रूप में ही विराजमान होने जा रहे हैं और अब वो अयोध्या से ही सम्पूर्ण विश्व पर अदृश्य रूप में राज करेंगे।

अब भारत जल्द ही विश्व गुरु बनने की तरफ तेजी से अपने कदम दिव्य कृपा से आगे बढ़ाएगा। गुप्त रूप से छिपे हुए राक्षसों का संहार होगा चाहे वो संहार प्राकृतिक आपदाओं के द्वारा हो या किसी अन्य रूप में यही वर्ष 2024 का वास्तविक आध्यात्मिक रहस्यमयी तथ्य है। उन्हें इस बात की जानकारी अपनी पूर्वजन्म की अतीन्द्रिय शक्तियों के माध्यम से बहुत पहले से ही थी, इसलिए नववर्ष 2024 के प्रथम दिन 01 जनवरी को सूर्योदय काल में चन्द्रमा सिंह राशि में अध्यात्म एवम मोक्ष के कारक केतु के नक्षत्र में विराजमान था।

Dr. Bhanu Pratap Singh