गेहूँ के निर्यात पर भारत द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसके दामों में बढ़ा उछाल आया है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बिकने वाले गेहूं की कीमत शिकागो में 5.9 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. ये बीते दो माह में सबसे ज़्यादा है.
भारत में हीटवेव की वजह से गेहूँ की फ़सल प्रभावित हुई और दाम बढ़ गए, जिसके बाद इसके निर्यात पर रोक लगाई गई है.
इस साल वैश्विक बाज़ार में गेहूँ के दाम करीब 60 फ़ीसदी तक बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से ब्रेड से लेकर नूडल्स तक की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है.
भारत सरकार ने कहा है कि जिन देशों के साथ पहले से समझौते हो गए हैं और जो देश अपने यहाँ खाद्य सुरक्षा के लिए आपूर्ति की मांग करेंगे, उन्हें गेहूँ का निर्यात जारी रहेगा.
सरकारी अधिकारियों ने ये भी कहा है कि ये रोक स्थायी नहीं है और स्थिति सामान्य होने पर इसे हटाया जा सकता है.
हालांकि, भारत के इस फ़ैसले की सात देशों के समूह यानी जी-7 के कृषि मंत्रियों ने आलोचना की है. इस समूह में कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूँ उत्पादक देश है. हालाँकि इससे पहले भारत की अधिकांश फ़सल घरेलू बाज़ार में ही बिकती थी.
लेकिन रूस के हमले के बाद यूक्रेन का गेहूँ निर्यात घटा है और कई बड़े उत्पादक देशों में सूखे और बाढ़ के ख़तरों को देखते हुए व्यापारियों को कमी की भरपाई करने के लिए भारत से आपूर्ति की उम्मीद थी. बैन से पहले भारत ने इस साल 1 करोड़ टन गेहूँ के निर्यात का लक्ष्य रखा था.
-एजेंसियां
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