अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने शोध के बाद न्यायालय में प्रस्तुत की है याचिका
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा के सिविल न्यायालय (जू डि) कोर्ट संख्या-6 में योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के तेजोमहादेव(ताजमहल) के केस संख्या-197/2024, श्री भगवान श्री तेजोमहादेव @तेजोलिंग महादेव आदि बनाम सचिव, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार आदि” में सुनवाई की अगली तिथि 29 अप्रैल नियत की गई है। इस केस का मुख्य बिंदु है कि ताजमहल महादेव का मंदिर है लेकिन वर्तमान में ताजमहल मस्जिद के रूप में है। न्यायालय को तय करना है कि ताजमहल की वास्तविक स्थिति क्या है।
केस के वादी व अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि माननीय न्यायालय ने 9 अप्रैल की तिथि WS व तनकी के लिए नियत की थी। माननीय न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई की अगली तिथि 29 अप्रैल नियत की गई है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि आजादी से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग व रॉयल एशियाटिक सोसाइटी बंगाल दोनों के अभिलेखों में यह लिखा है कि ताजमहल का शिल्पकार एक विवादित इश्यू है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने रिसर्च के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के समक्ष एक RTI दाखिल की थी जिसमें उन्होंने पूछा था कि ताजमहल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा आजतक किसी प्रकार का अन्वेषण/उत्खनन की गई है जिसका 5 अप्रैल को जवाब में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा आजतक ताजमहल में किसी भी प्रकार का अन्वेषण/उत्खनन नहीं किया गया है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कहा कि ताजमहल का शिल्पकार कौन था ? एक विवादित तथ्य है लेकिन आजतक यह तथ्य पर निष्पक्ष रूप से तथ्यात्मक चर्चा नहीं की। केस ट्रायल से हम सत्य सभी के सामने लाएंगे। सुनवाई के दौरान न्यायालय में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह व अधिवक्ता अभिनव कुलश्रेष्ठ उपस्थित थे।
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