अवनीश कुमार अवस्थी आईएएस

पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला में शिशुओं के जबरदस्त सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति और समाजसेवा का सार्थक संदेश

RELIGION/ CULTURE

पं. अवनीश कुमार अवस्थी ने पूछे सवाल तो बच्चों ने हाथ उठाकर दिए जवाब, भारत माता की जय से पंडाल गुंजाया

विद्या भारती के स्कूलों में संस्कार, सदाचार और मूल्य आधारित शिक्षाः हरिशंकर, संगठन मंत्री

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Mathura, Uttar Pradesh, Bharat, India.  विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में किस तरह की शिक्षा दी जाती है, इसका प्रकटीकरण 11 अक्टूबर, 2023 को दीनदयाल धाम में हुआ। यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला चल रहा है। इसमें शाम को शिशु विद्यार्थियों का रंगमंचीय कार्यक्रम हुए। ऐसे कार्यक्रम जिन्हें देखने वाले लोग देशभक्ति और समाजसेवा के रंग में रंग गए। लोग रह-रहकर भारत माता की जय के जयकारे लगाने लगे। हर ओर उल्लास छा गया। लोकनृत्य ने सबको मोह लिया। बच्चों की नाट्यप्रस्तुति ने यह सिद्ध किया कि वे भविष्य के बड़े कलाकार हैं।

 

बच्चों में हमारा भारत है

सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करने के लिए लखनऊ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार पं. अवनीश कुमार अवस्थी आए। उन्होंने बच्चों से पूछा- कितने बच्चे मेहनत से पढ़ते हैं, कितने अपने देश के लिए खून देने को तैयार हैं, पढ़ने लिखने के लिए तैयार हैं, कितने ऐसे हैं जो अपने माता-पिता का नाम ऊँचा करना चाहते हैं? बच्चों ने हर सवाल का जवाब दोनों हाथ उठाकर दिया। उन्होंने कहा- बच्चो, आप में हमारा भविष्य है, आप में हमारा भारत है, आप में हमारा देश है। हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि पूरा विश्व एक परिवार है। परिवार को आगे ले जाने के लिए आपकी ऊर्जा चाहिए। फिर उन्होंने भारत माता की जय की गूंज कराई। इससे पूर्व अवनीश कुमार अवस्थी का स्वागत मेला मंत्री मनीष अग्रवाल ने सर्वव्यवस्था प्रमुख नीरज गर्ग के हाथों कराया। उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया गया।

दीनदयाल धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम 2
दीनदयाल धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम 2

शिक्षा ऐसी हो जो जीवन में काम आ सके

मुख्य अतिथि विद्या भारती बृज प्रांत के संगठन मंत्री हरिशंकर ने बताया कि विद्या भारती 25 हजार विद्यालयों का संचालन करती है। यहां संस्कार, सदाचार और मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है। व्यक्ति कितना भी शिक्षित हो जाए, अगर संस्कार नहीं है तो शिक्षा को कोई महत्व नहीं है। संस्कारयुक्त शिक्षा पाकर भैया-बहन समाज को प्रेरणा देने का काम करते हैं। समाज का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें विद्या भारती के स्कूलों में पढ़े पूर्व छात्र न हों। शिक्षा ऐसी हो जो जीवन में काम आ सके। हमारे यहां संस्कार देने की परंपरा शुरुआत से है।

 

दीनदयाल धाम के बच्चों की प्रस्तुति ने किया रोमांचित

पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर, दीनदयाल धाम (फरह, मथुरा) के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, स्वागत गान, आज राधा को श्याम याद आ गया नृत्य प्रस्तुति दी। बृज लोक नृत्य की प्रस्तुति को सबको सराहा। रानी लक्ष्मीबाई नृत्य नाटिका ने हर किसी को रोमांचित कर दिया। यह अंतिम प्रस्तुति इतनी शानदार रही कि लोग भारत माता की जयकार करने लगे। यह प्रस्तुति संजना, प्रिया चौहान, प्रतिष्ठा, राशि, खुशी अग्रवाल, रानी, याचना, प्रीति, भूमि, प्राची, नव्या, साक्षी, पायल, निशा, त्र्यम्बकेश अधिकारी ने दी। प्राची ने रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका को जीवंत कर दिया।

दीनदयाल धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम
दीनदयाल धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम

किसने क्या किया

झुड़ावई के बच्चों ने नाटक हत्यारा बाप, फरह के बच्चों ने नाटक कारगिल युद्ध, बँधेरुआ के बच्चों ने बंशी मुरलिया गीत पर नृत्य, ओल के बच्चों ने नाटक मोबाइल का दुरुपयोग, बरारी के बच्चों ने मोहे चूनर मंगा दे रे.. गीत पर लोकनृत्य, परखम के बच्चों ने नाटक चांद की चौखट प्रस्तुत किया।

 

शिक्षा के साथ खेल में आगे बढ़ो

विशिष्ट अतिथि बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि अब मैं बच्चों की चिंता करने का काम कर रहा हूँ। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को योगी सरकार 4000 रुपये प्रतिमाह दे रही है। बेटी पैदा होने पर 25 हजार रुपये देते हैं। बच्चों का आह्वान किया कि शिक्षा के साथ खेल में भी आगे बढ़ो।

योगी आदित्यनाथ ने किया दीनदयाल धाम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला का उद्घाटन, फरह में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा

इनकी रही प्रमुख भूमिका

विद्यालय के प्रधानाचार्य हरेन्द्र कुमार सारस्वत ने अतिथियों का परिचय और नरेन्द्र कुमार पाठक, देवेन्द्र, रमाकांत सागर, विजय गोयल, मुकेश शर्मा, राजदर्शन आदि का स्वागत कराया। प्रमिला राजपूत ने सरस संचालन किया। उनके साथ पूर्व प्रधानाचार्य सुरेश शर्मा, आचार्य तपेन्द्र कटारा, नूतन पाठक, अनीता सारस्वत, पूजा सिकरवार, सृष्टि यादव, अनीशा, राशि आदि उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh