हमारे जीवन में ग्रह, नक्षत्र निश्चित रूप से प्रभाव डालते हैं। राहुकाल का भी प्रभाव होता है। इसी क्रम में पंचांग की महत्ता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, राहुकाल में अगर कोई शुभ कार्य न किया जाए तो उत्तम रहता है। इस कारण पंचाग के बारे में संपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है। साथ ही आज के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन है। इसके अलावा प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मदिन के बारे में भी जानकारी मिलेगी। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह अत्यधिक उपयोगी बातें हैं। हम कामना करते हैं कि भगवान गणेश आपके सारे संकट दूर करें- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः, निर्विघ्नम् कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
आज का ज्ञान
बहुत तेज दिमाग चाहिए गलतियां निकालने के लिए लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए गलतियां कबूल करने के लिए।
पञ्चाङ्ग
तिथि • सप्तमी २१:४७ तक
तदुपरांत • अष्टमी
मास • आश्विन शुक्ल पक्ष
व्रत/पर्व/उत्सव • श्रीराम भक्त हनुमान जी
• सप्तम माँ कालरात्रि
• सरस्वती पूजा, नवपत्रिका पूजा
• अश्विन नवपद ओली प्रारंभ
सूर्योदय • ०६:१६ बजे
सूर्यास्त • १७:५२ बजे
चन्द्रोदय • १२:२८ बजे
चन्द्रास्त • २२:५७ तक
दिनमान • ११घं ३६मि २६से
मध्याह्न • १२:०४ बजे
रात्रिमान • १२घं २४मि ०५से
विक्रम संवत् • २०७८ (आनंद)
शक संवत् • १९४३ (प्लव)
कलि संवत् • ५१२३
सूर्य राशि • कन्या
सूर्य नक्षत्र • चित्रा
चंद्र राशि • धनु
नक्षत्र पद • च४- मूल ११:२७ तक
• च१- पूर्वाषाढ़ा १७:०८ तक
• च२- पूर्वाषाढ़ा २२:५० तक
• च३- पूर्वाषाढ़ा २८:३४+ तक
• च४- पूर्वाषाढ़ा
योग • शोभन ०८:५१ तक
• अतिगण्ड ३०:१०+ तक
तदुपरांत • सुकर्मा
रवि योग • ०६:१६ से २१:२७ तक
अमृत काल • २९:४५+ से ०७:१६ तक
अभिजित मुहूर्त • ११:४१ से १२:२७ तक
विजय मुहूर्त • १४:०० से १४:४७ तक
गोधूलि मुहूर्त • १७:४१ से १८:०५ तक
ब्रह्म मुहूर्त • २८:३७+ से २९:२७+ तक
दिशाशूल • उत्तर
राहुकाल • १४:५८ से १६:२५ तक
भद्रा • २१:४७ से ३०:१६+ तक
अग्निवास • पृथ्वी
स्थान: आगरा, उ.प्र. (स्थानानुसार ०५-२० मिनट -/+ अंतर सम्भव)*
अग्रिम पर्व/व्रत/उत्सव/त्योहार
👉🏻 १३ अक्टूबर बुधवार, अष्टम माँ महागौरी, दुर्गाष्टमी, सरस्वती बलिदान, संधि पूजा।
👉🏻 १४ अक्टूबर गुरुवार, नवम् माँ सिद्धिदात्री, महानवमी, दुर्गा बलिदान, सरस्वती विसर्जन, आयुध पूजा।
👉🏻 १५ अक्टूबर शुक्रवार, विजयादशमी, दुर्गा विसर्जन, दशहरा, विद्यारंभ का दिन, बुद्ध जयंती, मध्वाचार्य जयंती।
👉🏻 *१५ अक्टूबर शुक्रवार, पञ्चक प्रारंभ २१:१६ से पञ्चक अंत २० अक्टूबर १४:०२ तक।*
प्रस्तुतिः पं. वेद प्रकाश शुक्ल
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