हमारे जीवन में ग्रह, नक्षत्र निश्चित रूप से प्रभाव डालते हैं। राहुकाल का भी प्रभाव होता है। इसी क्रम में पंचांग की महत्ता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, राहुकाल में अगर कोई शुभ कार्य न किया जाए तो उत्तम रहता है। इस कारण पंचाग के बारे में संपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है। साथ ही आज के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन है। इसके अलावा प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मदिन के बारे में भी जानकारी मिलेगी। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह अत्यधिक उपयोगी बातें हैं। हम कामना करते हैं कि भगवान गणेश आपके सारे संकट दूर करें- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः, निर्विघ्नम् कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
आज का ज्ञान
फूल कितना भी सुन्दर हो, तारीफ हमेशा उसकी खुशबू से होती है।
ठीक वैसे ही इंसान कितना भी बड़ा हो कद्र उसके गुणों से होती है।
पञ्चाङ्ग
तिथि • द्वितीया १०:४८ तक
तदुपरांत • तृतीया
मास • आश्विन शुक्ल पक्ष
व्रत/पर्व/उत्सव • माँ सन्तोषी जी, माँ वैभव लक्ष्मी जी
• द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी
सूर्योदय • ०६:१४ बजे
सूर्यास्त • १७:५७ बजे
चन्द्रोदय • ०७:५८ बजे
चन्द्रास्त • १९:२७ तक
दिनमान • ११घं ४२मि ४२से
मध्याह्न • १२:०५ बजे
रात्रिमान • १२घं १७मि ४८से
विक्रम संवत् • २०७८ (आनंद)
शक संवत् • १९४३ (प्लव)
कलि संवत् • ५१२३
सूर्य राशि • कन्या
सूर्य नक्षत्र • हस्त
चंद्र राशि • तुला
नक्षत्र पद • च२- स्वाती ०८:०६ तक
• च३- स्वाती १३:३३ तक
• च४- स्वाती १८:५९ तक
• च१- विशाखा २४:२६+ तक
• च२- विशाखा २९:५२+
• च३- विशाखा
योग • विष्कुम्भ २२:०४ तक
तदुपरांत • प्रीति
रवि योग • १८:५९ से ३०:१४+ तक
अमृत काल • ११:०० से १२:२७ तक
अभिजित मुहूर्त • ११:४२ से १२:२९ तक
विजय मुहूर्त • १४:०२ से १४:४९ तक
गोधूलि मुहूर्त • १७:४५ से १८:०९ तक
ब्रह्म मुहूर्त • २८:३६+ से २९:२५+ तक
दिशाशूल • पश्चिम
राहुकाल • १०:३७ से १२:०५ तक
अग्निवास • आकाश १०:४८ तक
तदुपरांत • पाताल
स्थान: आगरा, उ.प्र. (स्थानानुसार ०५-२० मिनट -/+ अंतर सम्भव)*
अग्रिम पर्व/व्रत/उत्सव/त्योहार
👉🏻 ०९ अक्टूबर शनिवार, तृतीया माँ चन्द्रघण्टा एवं चतुर्थ माँ कूष्मांडा, विनायक चतुर्थी।
👉🏻 १० अक्टूबर रविवार, पञ्चम माँ स्कन्द माता, उपांग ललिता व्रत।
👉🏻 ११ अक्टूबर सोमवार, षष्ठम माँ कात्यायनी, स्कन्द षष्ठी, सरस्वती आवाहन, बिल्व निमंत्रण, कल्पारंभ, अकाल बोधन।
👉🏻 १२ अक्टूबर मंगलवार, सप्तम माँ कालरात्रि, सरस्वती पूजा, नवपत्रिका पूजा, अश्विन नवपद ओली प्रारंभ।
👉🏻 १३ अक्टूबर बुधवार, अष्टम माँ महागौरी, दुर्गाष्टमी, सरस्वती बलिदान, संधि पूजा।
👉🏻 १४ अक्टूबर गुरुवार, नवम् माँ सिद्धिदात्री, महानवमी, दुर्गा बलिदान, सरस्वती विसर्जन, आयुध पूजा।
👉🏻 १५ अक्टूबर शुक्रवार, विजयादशमी, दुर्गा विसर्जन, दशहरा, विद्यारंभ का दिन, बुद्ध जयंती, मध्वाचार्य जयंती।
👉🏻 *१५ अक्टूबर शुक्रवार, पञ्चक प्रारंभ २१:१६ से पञ्चक अंत २० अक्टूबर १४:०२ तक।*
प्रस्तुतिः पं. वेद प्रकाश शुक्ल
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