बाबा साहब के सपने ‘समानता और समृद्धि’ तो पूरा करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की 1700 योजनाओं का लाभ उठाएं- असीम अरुण

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भारतीय जाटव समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा, myscheme.gov वेबसाइट पर जाएं, परिवार को लाभ दिलाएं

अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि राज्यों से प्रतिनिधि आए

भ्रष्टाचार पर कहा, मैं पुलिस वाला हूँ, जानता हूँ कि चोर की सुताई लगानी और ताला भी मजबूत लगाना है

दलित राजधानी आगरा से उठा यह कारवां पूरे देश में फैलाना हैः उपेंद्र सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जाटव समाज

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने वह तकनीक बताई जिसके माध्यम से समानता और समृद्धि आ सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा 1700 योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनके बारे में जानकारी के लिए मोदी सरकार ने myscheme.gov वेबसाइट बनाई हैअपने और परिवार के लिए योजना का लाभ जरूर उठाएं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह जाटव का आभार जताया

श्री असीम अरुण राशि गार्डन जगनेर रोड में भारतीय जाटव समाज के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। अधिवेशन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुषों ने सहभागिता की। उन्होंने भाषण का शुभारंभ भारत माता की जय और बाबा साहब के जयकारे के साथ किया श्री असीम अरुण ने जाटव समाज में जोश भरते हुए कहा कि हम उन बाबा साहब के वंशज हैं जिन्होंने हमेशा स्वयं को भारतीय कहा है। उन्होंने अधिवेशन कराने के लिए भारतीय जाटव समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह जाटव का आभार प्रकट किया।

इन राज्यों से आए प्रतिनिधि

अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि राज्यों से प्रतिनिधि आए। सम्मेलन में असीम अरुण का जोरदार अभिनंदन किया गया। स्वागत करने वालों में होड़ मच गई।

मंत्री असीम अरुण और उपेंद्र सिंह का स्वागत। साथ में अनिल कुमार, नेत्रपाल सिंह।

कैसे बनेगा विकसित भारत

श्री असीम अरुण ने समृद्धि और समानता के संबंध में एक उदाहरण दिया। मॉडल नंबर-1: गांव में 100 घर हैं, जिसमें से 10 घर तेजी से प्रगति कर रहे हैं और बाकी 90 घर गरीब हैं। मॉडल नम्बर-2: 100 घरों में से सभी घर प्रगति कर रहे हैं। आप कौन सा मॉंडल चाहेंगे। लोगों ने आवाज लगाई दूसरा। श्री असीम अरुण ने कहा कि यही समृद्धि और समानता है। विकसित भारत में सबको समानता और समृद्धि होगी। 100 में 10 घरों को हेलीकॉप्टर पर चढ़ाने से नहीं, सभी 100 घरों को हेलीकॉप्टर पर चढ़ाने से विकसित भारत होगा।

समाज और देश को वापस लौटाएं

उन्होंने बताया कि 1956 में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की आगरा में अंतिम सभा हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुझे पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया है। बाबा साहब का कहना यह था कि पढ़ लिखकर समाज के जो लोग आगे बढ़ गए उन्हें समाज को कुछ वापस देना चाहिए। समाज और देश ने हमें बहुत कुछ दिया है। हमारा दायित्व है कि उसे वापस लौटाएं।

स्वागत करने वालों की होड़ मची रही।

समृद्धि और समानता में नम्बर-1 आना है

श्री असीम अरुण ने कहा कि 2025 में नया दौर आने वाला है। आज भारत आर्थिक क्षेत्र में विश्व में चौथे नंबर की शक्ति है, लेकिन विषमताएं भी हैं। विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि समानता के मामले में भारत चौथे नंबर पर है। मोदी सरकार ने राशन देकर 25 करोड़ परिवारों को अत्यधिक गरीबी से बाहर कर दिया है। यह इसी का परिणाम है। हमको समृद्धि में नंबर वन और समानता में भी नंबर वन पर आना है।

समाज का चेहरा नहीं समाज की आवाज बनो

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में घोषणा की है कि अगले 5 वर्षों में एक लाख नए लीडर तैयार करने हैं, जिनमें आधी मातृशक्ति होगी और इस कार्यशाला में यही हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि समाज का चेहरा नहीं समाज की आवाज बनो।

अधिवेशन में उपस्थित प्रतिनिधि

मथुरा की घटना का जिक्र, हर समाज में अच्छे-बुरे लोग

श्री असीम अरुण ने मथुरा की घटना का जिक्र करते हुए कहा- दो सगी बहनों का विवाह था। वे दुल्हन बनाकर लौट रही थीं। कार टकराने के विवाद पर समाजवादी पार्टी के गुंडों ने हमला कर दिया। फिर सैकड़ों लोग आ गए। शादी को तहस नहस कर दिया। इसके बाद मैं वहां पर गया। अधिकारी पहुंचे। जांच हुई तो पता चला कि इन गुंडों ने समाज के लोगों की जमीन पर कब्जा कर रखा था। हमने वह जमीन खाली कराई। ढाई माह बाद सर्व समाज दोनों बहनों की धूमधाम से शादी कराई, जिसमें यादव समाज के लोग भी आए। हर समाज में अच्छे-बुरे लोग होते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का उल्लेख विधानसभा में भी किया था। आवश्यकता है कि ऐसी घटनाएं न हों और अगर होती हैं तो हमें नेतृत्व क्षमता दिखानी होगी। अपराधी को सजा दिलानी होगी।

नंबर-1 का धंधा करना है

श्री असीम अरुण ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ता कहते हैं कि सपा की सरकार में कार्यकर्ता बुलेरो ले आए और हम वहीं के वहीं हैं। मैं उनसे कहता हूँ कि वे नम्बर-2 का काम करते थे। हमें धंधा करना है लेकिन नम्बर-1 का करना है। सरकार की योजना में ऋण और अनुदान का लाभ उठाएं। अगर हम दो कदम आगे हैं तो अनेक लोग हमसे चार कदम पीछे भी हैं। उनकी मदद सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर करें। भ्रष्टाचार का इलाज करना है। योगी जी के हाथ मजबूत करें क्योंकि अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति है। मैंने एसएसपी के रूप में आगरा में पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई थी कि न पैसा लेंगे न देंगे।

संबोधित कर रहे यूपी के मंत्री असीम अरुण

आरक्षण में माता-बहनों की 50 फीसदी भागीदारी हो

उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग को काजल की कोठरी कहा जाता था। ऑनलाइन हो जाने से चोरी रुकी है। मैं तो पुलिस वाला हूँ और जानता हूँ कि चोर की सुताई लगानी और ताला भी मजबूत लगाना है। उन्होंने कहा कि आरक्षण में माता बहनों की भी 50 फीसदी भागीदारी होनी चाहिए। योगी जी ने घुमंतू समाज के लिए घुमंतू विकास बोर्ड का गठन करने का घोषणा की है।

उपेंद्र सिंह जाटव की मंत्री से अपील

भारतीय जाटव समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह जाटव ने मंत्री असीम अरुण से कहा, हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर बुद्धा पार्क के लिए 10 करोड़ रुपये जारी कराए हैं। साथ ही धनौली के 50 मकानों को टूटने से बचाया है। बुद्धा पार्क बने तो हमारी समिति का प्रतिनिधि भी रहे। आप आगरा के अधिकारियों को इस बारे में निर्देशित कर दें और निगरानी कराएं।

संबोधित कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र सिंह जाटव।

बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ा रहे

उन्होंने कहा कि बाबा साहब और दादा मानिकचंद जाटव के मिशन को हम आगे बढ़ा रहे हैं। दलितों की राजधानी आगरा से जो कारवां शुरू हुआ है वह पूरे देश में फैलाना है।

हर किसी को संविधान पढ़ना चाहिए

राष्ट्रीय संगठन सचिव अनिल कुमार (पूर्व न्यायाधीश) ने विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कविता के माध्यम से अपनी बात रखी और कहा, हर किसी को संविधान पढ़ना चाहिए। प्रत्येक लाइब्रेरी में संविधान की प्रति हो।

मंत्री असीम अरुण का यह अंदाज भी निराला है

समानता शिक्षा से आएगी

पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र सिंह ने कहा, 90  फीसदी जाटव समाज समृद्धि का स भी नहीं जानता है, तो समानता कैसे आएगी। आजादी के बाद भी जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न बढ़ा है। आज भी जाटवों की बारात को रोका जाता है। समानता शिक्षा से आएगी।

समृद्धि से ही समानता आएगी

पूर्व आईएएस पीसी बेरवाल ने कहा, शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष रहो, नारा कब तक लगाओगे। अब 85 फीसदी लोग शिक्षित हैं। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की जरूरत है। समृद्धि से ही समानता आएगी। बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दो।

असीम अरुण के साथ सेल्फी की होड़ मची।

उपेंद्र सिंह के कहने पर आगरा में 3000 करोड़ की सीवर प्रोजेक्ट दिया

पूर्व आईएएस और जापान सरकार की ओर से भारत में प्रमुख एमपी सिंह ने कहा, उपेंद्र सिंह जाटव के कहने पर आगरा में 3000 करोड़ रुपये की सीवर योजना स्वीकृत कराई थी। इनसे परिचय राज बब्बर ने कराया था। बिना पढ़े लिखे समाज का उद्धार नहीं हो सकता है।

 

माताओ, मजदूर नहीं, आईएएस और आईपीएस पैदा करो

राष्ट्रीय संरक्षक नत्थी सिंह जसोरा ने कहा कि समानता के लिए समृद्धि जरूरी है। हमारी बहन बेटियों पर अत्याचार होने पर समाज के सांसद चुप क्यों? असीम अरुण जैसों को एमपी चुनिए क्योंकि उन्हें कोई बेवकूफ नहीं बना सकता है। उपेंद्र सिंह जैसा सपूत हर घर में पैदा होना चाहिए। माता-बहनों को पिटने के स्थान पर अपना हाथ ऊंचा करना चाहिए। उन्होंने माताओं से अपील की कि मजदूर नहीं, आईएएस और आईपीएस पैदा करो

डरने की जरूरत नहीं

संचालन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष नेत्रपाल सिंह ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे साथ असीम अरुण हैं।

मंचासीन अतिथि

महासचिव सोहन सिंह, भीम नगरी केंद्रीय समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनी, पूर्व आईएएस उदयी राम, लायक सिंह, लोकेश प्रधान, तेज कपूर, रविंद्र कुमार पार्षद, भारत सिंह एडवोकेट, अर्जुन सिंह एडवोकेट, राम दरस, रचना सिंह, आशा सचदेवा, रजनी सिंह, दिलासा राम, कुंवर चंद्र वकील, डॉ. मुन्ना लाल भारतीय, किशन सिंह जोधपुर, अमर सिंह दिल्ली, मनोज चंद्रा, डॉ. रामबाबू हरित पूर्व मंत्री यूपी सरकार आदि मंचासीन रहे। अनिल सोनी ने बताया कि अधिवेशन शानदार रहा।

पत्रकारों से वार्ता करते असीम अरुण। साथ में उपेंद्र सिंह जाटव और अनिल कुमार।

संपादकीय: समानता और समृद्धि की ओर बढ़ता भारतीय जाटव समाज

भारतीय जाटव समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन, आगरा की धरती पर केवल एक सभा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का एक सशक्त मंच बनकर उभरा। यह आयोजन, जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया, दलित समाज की सोच, संगठन और संकल्प को एक नई दिशा देता है।

इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण की उपस्थिति और उनके विचार विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी होने के नाते उनका अनुभव, और एक मंत्री होने के नाते उनका दृष्टिकोण, समाज के लिए मार्गदर्शक बन सकता है।

 सरकारी योजनाएं: समानता का मार्ग

असीम अरुण ने जब यह कहा कि “बाबा साहब के सपने समानता और समृद्धि को पूरा करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की 1700 योजनाओं का लाभ उठाना होगा”, तो यह केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक मार्गदर्शन है। myscheme.gov.in जैसी पोर्टल की जानकारी देकर उन्होंने सामाजिक सशक्तिकरण को टेक्नोलॉजी से जोड़ा।

 “समाज का चेहरा नहीं, आवाज बनो”

यह एक साधारण वाक्य नहीं, बल्कि समाज को आत्ममंथन की प्रेरणा देने वाली पुकार है। असीम अरुण ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि जाटव समाज केवल पीड़ित की भूमिका में न रहे, बल्कि नीति-निर्माण में अपनी भूमिका निभाए। मोदी सरकार की योजना में अगले 5 वर्षों में एक लाख लीडर तैयार करने की बात, इस दिशा में एक बड़ा अवसर है।

विकास का मॉडल: सबको साथ लेकर

कार्यक्रम में प्रस्तुत विकास का मॉडल — कि गांव के 100 घरों में से सिर्फ 10 नहीं, सभी 100 घर हेलीकॉप्टर पर चढ़ें — सामाजिक न्याय की परिभाषा को एक सरल लेकिन प्रभावशाली रूप में पेश करता है। यह दृष्टिकोण ‘Inclusive Growth’ की जमीनी व्याख्या है।

समाज को देना होगा वापस

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का यह कथन कि “मुझे पढ़े-लिखे लोगों ने धोखा दिया”, आज भी उतना ही प्रासंगिक है। शिक्षित वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जुड़ना होगा, अन्यथा शिक्षा केवल व्यक्तिगत उन्नति का साधन बनकर रह जाएगी।

 शिक्षा, समृद्धि और नेतृत्व

पूर्व न्यायाधीशों, आईएएस अधिकारियों और समाजसेवियों ने जिस प्रकार शिक्षा को समानता का आधार बताया, वह साफ दर्शाता है कि जाटव समाज सिर्फ आरक्षण या राजनीतिक भागीदारी नहीं, बल्कि गुणवत्ता आधारित विकास की ओर बढ़ रहा है।

राष्ट्रीय संरक्षक नत्थी सिंह जसोरा का यह कहना — “माताओं, मजदूर नहीं, आईएएस और आईपीएस पैदा करो” — समाज में आत्मविश्वास का प्रतीक है।

 निष्कर्ष: अब ठहरने का समय नहीं

इस अधिवेशन ने यह सिद्ध कर दिया कि दलित राजधानी आगरा से उठी यह चेतना, अब केवल सीमित मांगों तक नहीं रहेगी, बल्कि पूरे देश में समाज की गरिमा और भागीदारी के लिए आंदोलन बनेगी। अब आवश्यकता है कि यह चेतना केवल भाषणों तक सीमित न रह जाए, बल्कि जमीनी स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और नेतृत्व निर्माण के रूप में साकार हो।

बाबा साहब का मिशन अधूरा नहीं है, वह चल रहा है — और भारतीय जाटव समाज उसे पूरा करने के लिए तैयार है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh