हाथरस के खिच्चो और अतरौली के सोटा वालों के बीच सीमा हैदर को लेकर भिड़ंत
डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Mathura, Uttar Pradesh, Bharat, India. दीनदयाल धाम, फरह में चल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला के पावन मंच पर बृज की लोककला रसिया जीवंत हो उठी। अतरौली के सोटा वाले और हाथरस के खिच्चो आटे वाले के बीच जबर्दस्त रसिया दंगल हुआ। सुनने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े। 11 अक्टूबर की दोपहर में विराट किसान संगोष्ठी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनने के लिए जितने किसान आए थे, करीब उतने ही लोग रात्रि में रसिया दंगल सुनने आए। सीमा हैदर को लेकर दोनों रसिया पार्टी में भिड़ंत हुई। श्रोताओं का खूब मनोरंजन हुआ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय को केन्द्र में रखकर भी रसिया सुनाए गए। 12 अक्टूबर की सुबह तक दंगल होता रहा। कौन किस पर भारी रहा, इसका फैसला न हो सका। यह भी प्रकट हुआ कि रसिया गाने और सुनने वालों में युवा पीढ़ी भी आगे है। जो यह कहते हैं कि लोक संस्कृति खत्म हो रही है, वे भूल में हैं।
रसिया गायन की ऐसी विधा है, जिसमें स्वर को बहुत खींचना पड़ता है। बृज में तो रसिया बहुत लोकप्रिय है। कुश्ती दंगल में पहलवान दांव-पेंच लगाकर पटखनी देते हैं तो रसिया दंगल में काव्य और गायन शैली से एकदूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी रहती है। रसिया दंगल में दो दल आमने-सामने होते हैं। एकदूसरे के सवालों का जवाब दिया जाता है। खास बात यह है कि सबकुछ गायन शैली में होती और जवाब भी तत्काल लिखा जाता है। बीच में हल्की-फुल्की मजेदार बातें होती हैं। लटके-झटके भी चलते हैं। पुरुष को स्त्री बनाकर मंच पर लाया जाता है। उसका नृत्य देखने वाले उतावले हो जाते हैं।

सबसे पहले हाथरस वालों की ओर से पुरुष को स्त्री बनाकर मंच पर लाया गया। उसने अंगड़ाई ली। अतरौली वालों के पास गई, वहां ताल ठोककर ऐलान दिया। फिर जबरदस्त नृत्य किया। इसके बाद अतरौली वालों की ओर से सुंदर युवा को स्त्री वेश में प्रस्तुत किया गया। उसने भी अंगड़ाई ली। हाथरस वालों के पाले में जाकर ऐलान दिया। झुककर सबको सलाम किया। फिर वही नृत्य। दोनों ही कथित स्त्रियों ने रसिया गाए। श्रोताओं ने तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। इससे पहले दोनों का मुँह ढका हुआ था। जब कमेटी के एक सदस्य ने रुपये दिए तब मुँह से पर्दा उठाया।

चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से हिन्दुस्तान आई सीमा हैदर और सचिन को लेकर खूब रसियाबाजी हुई। हाथरस वालों ने सीमा को घोड़ी और सचिन को घोड़ा बताया। अतरौली वालों ने सचिन को हथौड़ा और सीमा को हथौड़ी कहा। महाभारत के कथानकों पर भी रसिया प्रस्तुत हुए। रसियाकारों को लोगों ने नकद इनाम दिए। यह राशि 50 रुपये से लकर 21000 रुपये तक पहुंची।
रसिया दंगल राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के सौजन्य से हुआ। नन्हे ठेकेदार ने सभी का साफा बांधकर स्वागत किया। विधायक पूरन प्रकाश, देवी प्रसाद पाठक, भवानी शंकर पचौरी, राजदर्शन पचौरी, विजय पाठक, राजेश शुक्ला, सम्राट शुक्ला, ओम प्रकाश निषाद, श्यामबाबू रावत ने कार्यक्रम संयोजक की भूमिका निभाई।
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