राधावैली का सच, करोड़ों खर्च करके भी कूड़े के ढेर के बीच रहने को मजबूर

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा मथुरा जनपद के प्रसिद्ध कॉलोनाइजर श्रीग्रप की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है श्रीराधा वैली, बहुमंजिला इमारतों का सारा कूड़ा खाली प्लाटों में डाला जा रहा है जिससे यहां अच्छे व खुले वातावरण की तलाश में यहां आकर फ्लेट व मकान बनाने का सपना अब इनका चूर होता नजर आ रहा है। राधावैली में यूं तो घर-घर से कूड़ा उठाने का सिस्टम बना हुआ है, लेकिन ये कूड़ा जहां डाला जा रहा है वहां कूड़े के ढेर लग गए हैं। कहने को तो कूड़ा उठाने को गाड़ी आती है, लेकिन उसके आने की अनियमितता ने बदबूभरा वातावरण बना रखा है।

करोड़ों रुपया खर्च कर मकान बनाने के वाद भी कूड़े के ढेर के बीच रहने को मजबूर
राधावैली निवासी उमेश भरतिया का कहना है कि उनके मकान के इर्द-गिर्द कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। निकट ही माल है जहां कालोनीवासी रोजमर्रा की खरीददारी करने आते रहते हैं। शाम को लोगों का जमावड़ा रहता है। यहां फैली गंदगी और बदबू से माल में आने वाला हर शख्स परेशान है। उनका कहना है कि मेरे घर के चारों ओर खाली प्लाट हैं जिन्हें सफाई कर्मचारियों ने कूड़ाघर बना दिया है। हालत यह है कि हमें अपने घर की खिड़की दरवाजे हमेशा बंद रखने पड़ते हैं, घर में दमघोंटू वातावरण रहता है, खिड़कियां खोलते ही बदबूदार के झोंके आते हैं। पूरे परिवार का जीवन नारकीय हो गया है। जबकि इस कॉलोनी में ही वर्तमान विधायक व उर्जामंत्री भी रहते हैं तब यह हालत हैं इस कॉलोनी की।

Dr. Bhanu Pratap Singh