जीवन की रक्षा का दिन: आगरा में बकरीद पर करुणा का अद्वितीय उदाहरण, पांच बकरे मुक्त कराए

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.

आगरा। मानवता के आदर्शों को समर्पित प्रयास जब संवेदनाओं से ओतप्रोत हों, तो वे समाज के लिए प्रेरणा बन जाते है। बकरीद पर पर जब करुणा, सेवा और जीवदया का संगम हो, तो वह केवल एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक आंदोलन बन जाता है। आगरा विकास मंच और जैन परिवार ने इस वर्ष ईद के अवसर पर जो कार्य किया, वह यही संदेश देता है कि पर्व मनाने का सबसे श्रेष्ठ मार्ग है—प्राणी मात्र की रक्षा करना।

जीवदया की पुकार: बकरों को मिला जीवनदान

आगरा विकास मंच के अध्यक्ष श्री राजकुमार एवं संयोजक श्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि ईद के अवसर पर पाँच बकरों को जीवनदान दिया गया। यह कार्य ‘जीव रक्षा’ अभियान के अंतर्गत संपन्न हुआ, जो पिछले एक दशक से अनवरत रूप से चलाया जा रहा है। ये सभी बकरे रामलाल आश्रम में भेजे गए, जहाँ आश्रम के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा उनकी सेवा और देखरेख में निरंतर जुटे हुए हैं। यह कार्य केवल एक पशु-रक्षा नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और जीवमात्र के प्रति करुणा का प्रतीक है।

कर्तव्य और करुणा का समर्पण: जैन परिवार की पहल

इस पुण्यकार्य में आगरा विकास मंच के संरक्षक, पद्मश्री डॉ. आर.एस. पारीक के पौत्र डॉ. प्रशांत पारीक ने भी आगे बढ़कर दो बकरों को जीवनदान दिया। इसके साथ ही एक बकरा दादाबाड़ी ट्रस्ट तथा दो बकरे जैन परिवार द्वारा बचाए गए। यह समर्पण न केवल जीवों के प्रति करुणा का परिचायक है, बल्कि समाज में सकारात्मक चेतना का संचार भी करता है।

आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार: साध्वी मंडल का मांगलिक पाठ

जीवों के सुखद जीवन की कामना हेतु जैन साध्वी श्रीजी महाराज साहब एवं साध्वी मंडल द्वारा मांगलिक पाठ किया गया। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण था, बल्कि इससे यह संदेश भी मिला कि ईश्वर की आराधना तभी सार्थक है जब उसमें करुणा और सेवा का भाव जुड़ा हो।

समाजसेवकों की सक्रिय भागीदारी: एक प्रेरणास्पद उपस्थिति

इस आयोजन का संचालन आगरा विकास मंच के महामंत्री श्री सुशील जैन ने कुशलता से किया। उनके साथ अंकित पाटनी, दीपक जैन, पारस जैन और पंकज अग्रवाल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इन सभी की सक्रिय सहभागिता इस बात का प्रमाण है कि समाज तभी आगे बढ़ता है जब उसमें संवेदनशीलता और सहयोग की भावना होती है।

करुणा का यह दीपक हर दिल में जले

इस कार्य के माध्यम से आगरा विकास मंच और जैन परिवार ने जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह निःसंदेह समाज को एक नई दिशा देता है। पर्व मनाने का सही अर्थ है—प्रेम, सेवा और संवेदनशीलता के साथ जीवन के हर रूप का सम्मान करना। जीवों को जीवनदान देना केवल एक क्षणिक कार्य नहीं, बल्कि एक महान आध्यात्मिक साधना है।

हम आगरा विकास मंच के अध्यक्ष श्री राजकुमार, संयोजक श्री सुनील कुमार जैन, संरक्षक पद्मश्री डॉ. आर.एस. पारीक, डॉ. प्रशांत पारीक और समस्त जैन परिवार के प्रति अपनी गहन सराहना व्यक्त करते हैं। इन सभी ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाजसेवी भावना और धर्मनिष्ठ आचरण एक साथ चलते हैं, तब मानवता के क्षितिज पर करुणा का सूर्य उदित होता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh