अगर आप भी लुभावने विज्ञापनों के झांसे में ई-सिगरेट का सेवन करते हैं तो आपके लिए संभल जाने का मौका है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि ई-सिगरेट भी जानलेवा साबित हो सकती हैं।
ई-सिगरेट से जहर फैल सकता है और यह जानलेवा साबित हो सकती है। व्यापक अध्ययन के बाद एक सरकारी कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है। कमेटी ने 250 स्टडीज और रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया है और उसके बाद नतीजे पर पहुंची है कि इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) यानि ई-सिगरेट से जहर फैल सकता है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईएनडीएस को बनाने में जिन सामग्रियों का इस्तेमाल होता है, वे नुकसानदायक होती हैं और उसमें जहरीला प्रभाव पैदा कर सकती हैं।
कुछ विज्ञापनों में दावा किया जाता है कि ई-सिगरेट से कोई नुकसान नहीं होता है, उसको भी कमेटी ने भ्रामक बताया है। इस तरह के विज्ञापन किशोरों को लक्ष्य बनाकर दिए जाते हैं। कमेटी का कहना है कि इसके सेवन से सिर्फ समस्याएं ही बढ़ेंगी। कमेटी ने सख्ती से कहा है कि ईएनडीएस को विनाश के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कमेटी की रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक अडवाइजरी को सही साबित करती है। अडवाइजरी में राज्यों को निर्देश दिया गया था कि इस तरह के उत्पादों जैसे ई-सिगरेट, वेप, ई-शीशा, ई-हुक्का आदि पर प्रतिबंध लगाए।
कमेटी ने इस स्टडी में एम्स, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स ऐंड रिसर्च और अन्य सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के डॉक्टर्स को शामिल किया था। रिपोर्ट इसलिए मायने रखती है कि अब तक ईएनडीएस उत्पादक इसका बचाव करते रहे हैं। वे दावा करते हैं कि ये उत्पाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ई-सिगरेट एक तरह की डिवाइस होती है जो धुआं पैदा करती है। इसका सेवन करने वाले इस धुएं को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईएनडीएस में इस्तेमाल होने वाली मुख्य सामग्री निकोटिन की लत पड़ जाती है। इससे दिल की बीमारियां और फेफड़े की बीमारियां हो सकती हैं। उनके मुताबिक इसका शरीर की रोगरोधी क्षमता और आंत प्रणाली पर भी बुरा असर पड़ता है। गर्भवती महिला अगर इसका सेवन करती है तो गर्भपात भी हो सकता है।
अगस्त 2019 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एक अडवाइजरी जारी की थी जिसमें ईएनडीएस की बिक्री, निर्माण, वितरण, आयात और विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था। अब तक दुनिया के 36 देशों और भारत के 12 राज्यों में ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक है। लेकिन भारत के ज्यादातर राज्यों में इसके वेरियंट्स अब भी उपलब्ध हैं।
-एजेंसियां
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