काबुल। तालिबानी नेता शेख रहीमुल्ला हक्कानी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने मदरसे में आत्मघाती हमले में मारा गया है। खबर के मुताबिक हक्कानी काबुल में मदरसे में हदीस पढ़ रहा था, उसी समय उसपर ये हमला हुआ। इस आत्मघाती हमले में उसकी मौत हो गई है।
बताया जा रहा है कि हक्कानी को मारने की पूरी साजिश रची गई थी, जिसके तहत यह आत्मघाती हमला हुआ है जिसमें उसकी मौत हो गई हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह तालिबान की रहीमुल्ला की मौत अंदरूनी रंजिश की वजह से हुई है।
रहीमुल्लाह हक्कानी पर इससे पहले भी हमले हुए थे, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसपर यह हमला अक्टूबर 2020 में हुआ था हालांकि हक्कानी पर यह हमला तीसरी बार हुआ। साल 2013 में उसके काफिले पर पेशावर के रिंग रोड पर बंदूकधारियों ने उसपर हमला किया था लेकिन वो सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा था। हक्कानी अपने ऊपर हमलों के लिए ख्वारिज तत्वों पर बम धमाके का आरोप लगाया था। शेख रहीमुल्लाह हक्कानी पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत के पचिर अव अगम ज़िले का रहने वाला था।
हक्कानी हदीस का जानकार था और उसने अपनी पढ़ाई स्वाबी और अकोरा खट्टक में देवबंदी मदरसे से पूरी थी। एक अस्पष्ट स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ नंगरहार प्रांत में रहीमुल्लाह तालिबान मिलिट्री कमिशन का भी सदस्य रह चुका है। बाद में उसे अमेरिका सेना ने गिरफ़्तार कर कई सालों तक बगराम के जेल में बंद कर दिया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ वो 9 सालों से पाकिस्तान में रह रहा था। उसने कुछ सालों पहले मदरसा ज़ुबेरी की स्थापना की थी जहां सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स और शिक्षक हैं।
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