नक्कारखाना है पूरा सिस्टम किसको हाल बताएंगे, पूरा सिस्टम भ्रष्ट बना किसको हाल सुनाएंगे
Agra, Uttar Pradesh, India. www.livestorytime.com ने 29 नवम्बर, 2021 को ‘अहमदाबाद का साबरमती रिवरफ्रंट का आँखों में बस जाना और आगरा में यमुना का तिल-तिल मर जाना, पढ़िए तुलनात्मक अध्ययन’ शीर्षक से स्टोरी प्रकाशित की थी। इस पर शहर के लिए चिन्तित लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। माना है कि टीटीजेड और एनजीटी के माध्यम से ताजमहल के शहर आगरा का विकास रोका जा रहा है। यमुना का हालत के लिए जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
जाने-माने जूता व्यवसायी और आगरा के विकास के लिए चिंतित पूरन डावर ने बताया- सब होगा समय के साथ। यह लोकतंत्र है, सरकारें चली जाती हैं। मायावती वॉटरफ़्रंट यमुना पर बना रहीं थी सरकार खो बैठीं। यह केवल आर्थिक मॉडल पर निजी क्षेत्र में सम्भव है। विडम्बना है नदी होते भी प्यासे हैं। नदियाँ आर्थिक स्रोत भी होती हैं। यहाँ तथाकथित पर्यवरणविद हैं, जिनका कार्य मात्र रोकना है। मैंने गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक कॉन्सेप्ट प्लान बनाकर भेजा है। बात शुरू हो तो अगले ५-१० वर्ष में बदलेगी स्थिति। आगरा पर शक के बादल हैं। ताज संरक्षित क्षेत्र (TTZ) का दुरुपयोग हो रहा है। टीटीजेड वास्तव में आगरा के विकास को रोकने के लिए है।
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी वीरेन्द्र गुप्ता ने अपनी पीड़ा को ये शब्द दिए- शहर के जनप्रतिनिधियों की सोच शहर को आधुनिक एवं विकसित करने की बिलकुल भी नहीं है। ऊपर से N.G.T. और टीटीजेड के लगाए हुए निरर्थक बंदिशें शहर को बहुत पीछे धकेल रही हैं। अगर केंद्रीय मंत्री, सांसद, प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक तथा मेयर की इच्छा शक्ति कुछ करने की हो तो यह शहर देश का सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक महानगर बन सकता है। जिस शहर में यमुना नदी, ताजमहल, किला, रामबाग, एत्मादउद्दौला, सिकंदरा, कैलाश मंदिर, बल्केश्वर मंदिर यमुना नदी के दोनों किनारे पर स्थित हैं, उस शहर को सबसे सुन्दर, आधुनिक, ऐतिहासिक, धार्मिक शहर होना चाहिए। बदकिस्मती से केन्द्र और राज्य सरकारों की अनदेखी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कमजोर नेतृत्व के कारण शहर आज विकास की बाट जोह रहा है। न जाने कब भाग्य खुलेंगे शहरवासियों के। जब तक खुलेंगे तब तक हम और आप शायद नहीं होंगे। विकास की आस है।
प्राचार्य डॉ.यूसी जैन ने कहा- पिछले महीने मैं अहमदाबाद गया था और रिवरफ्रंट देखा। आगरा में कोई ठोस योजना नहीं है। नेताओं में दृष्टिकोण की कमी है।
ताजगंज निवासी दीपक बंसल का कथन है– आपके माध्यम से नयी जानकारी मिली। आगरा का दुर्भाग्य है कि यहां के राजनेताओं और आगरा के लोगों का जिम्मेदार ना होना। अपने और अपनी पीढ़ी के लिए कुछ तो सोच होनी चाहिए।
व्यवसायी अजय गुप्ता रंगीला कहते हैं-
नक्कारखाना है पूरा सिस्टम, किसको हाल बताएंगे,
पूरा सिस्टम भ्रष्ट बना,किसको हाल सुनाएंगे।
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