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आगरा विकास मंच के संयोजक सुनील कुमार जैन ने उत्तर भारत का प्रथम पक्षी घर रिकॉर्ड 17 दिन में पूरा कराया, पढ़िए प्रेरक कहानी

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डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.  आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो धुन का पक्का है। किसी काम की ठान ली तो करके ही दम लेना है। हम बात कर रहे हैं आगरा विकास मंच के संयोजक और जाने-माने जूता निर्यातक सुनील कुमार जैन की। उन्होंने जो कुछ किया है, वह सबको प्रेरणा देने वाला है।

27 सितंबर, 2024 को कोठी मीना बाजार चौक के पास पक्षी घर एवं सेवा केंद्र का शुभारंभ हुआ। इसके निर्माण का श्रेय सुनील कुमार जैन को जाता है। उन्होंने गुजरात और राजस्थान जाकर पक्षी घर पर शोध किया। फिर वहां से पक्षी घर निर्माण विशेषज्ञ लेकर आए और एक नया प्रयोग भी किया।

पक्षी घर के शुभारंभ के दौरान सुनील कुमार जैन ने अवगत कराया, “पक्षी घर के बारे में समाजसेवी अशोक गोयल ने चर्चा की थी। इसे रामलाल आश्रम, सिकंदरा में बनाने की योजना थी। हम तैयारी कर रहे थे। इस बीच शाहगंज में जनकपुरी आयोजन की जानकारी मिली। हम जनकपुरी में क्या विकास कार्य कर सकते हैं, इस निमित्त भ्रमण पर आए थे। आगरा विकास मंच हमेशा शहर के विकास में आगे बढ़कर योगदान करता है। यही हमें स्व. अशोक जैन सीए ने सिखाया है।”

सुनील कुमार जैन ने बताया, “हम जनकपुरी क्षेत्र में आए ही थे कि युवा सोच के आईएएस अधिकारी नगर आयुक्त श्री अंकित खंडेलवाल मिल गए। वे जनकपुरी के संबंध में भ्रमण कर रहे थे। वे एमजी रोड पर यातायात का भार कम करने के लिए एमजी रोड-2 बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमने भी उनके साथ पैदल भ्रमण किया। तभी पक्षी घर के बारे में चर्चा हुई। तभी तय हुआ कि पक्षी घर क्यों न शहर में बनाया जाए ताकि सबको प्रेरणा मिल सके।”

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उन्होंने कहा, “नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने हमें कोठी मीना बाजार चौक के पास स्थान प्रदान किया। हमने कहा कि पक्षी घर बनाएंगे और चलाएंगे। आम तौर पर पक्षी घर बनाने में ढाई से तीन माह का समय लगता है। हमने इसे रिकॉर्ड 17 दिन में बनाया है। शीघ्रता इसलिए की ताकि जनकपुरी की शोभा बढ़ सके। जो लोग इसे देखन आएं, वे यहां से करुणा का भाव लेकर आएं। यही करुणा भाव भगवान राम ने जटायु की सेवा करके जगाया। भगवान महावीर ने जीव मात्र के प्रति करुणा का भाव जगाया।”

सुनील कुमार जैन ने उत्तर भारत के प्रथम पक्षी घर में नया प्रयोग किया गया है। इसके ऊपर भ्रमणशील मयूर की प्रतिमा स्थापित की गई है। मयूर को देखकर बाज या चील जैसे पक्षी छोटे पक्षियों पर हमला नहीं करेंगे।

आपको बता दें कि गुजरात के अधिकांश मंदिरों में इसी तरह के पक्षी घर बने हुए हैं। इनमें हजारों पक्षी प्रवास करते हैं। उनके भोजन का भी इंतजाम किया जाता है। आगरा में बना पक्षी घर 70 फीट ऊंचा और साढ़े छह मंजिल का है। उद्घाटन वाले दिन ही कपोतों ने पक्षी घर में आश्रय पाया।

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