जेवर एयरपोर्ट के पूर्वी गेट पर सेक्टर 8 में बनेगा, दो महीने में मिलेगा कब्जा
सामुदायिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, कर्मचारियों के लिए बनेंगे घर
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Nesw Delhi, India, Bharat.
भारत के चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूर्वी द्वार, सेक्टर-8 में 100 एकड़ भूमि चमड़ा निर्यात परिषद (CLE) को आवंटित की है। यह भूमि चमड़ा और फुटवियर क्लस्टर की स्थापना के लिए दी गई है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है। यीडा कार्यालय में हुए समारोह में इस बारे में जानकारी दी गई। प्रमुख जूता उद्यमियों के साथ फुटवियर एवं लेदर पार्क के बारे में चर्चा की गई।
LOI जारी, दो महीने में मिलेगा कब्जा
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने आधिकारिक रूप से आशय पत्र (LOI) जारी कर दिया है।। चमड़ा निर्यात परिषद (उत्तरी क्षेत्र) को इस योजना के तहत भूमि के लिए आधिकारिक रूप से आशय पत्र जारी होने की पुष्टि की है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी दो माह में उद्योग को भूमि पर कब्जा सौंप दिया जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य तेजी से आरंभ होगा, जिसमें औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाएं और सामुदायिक अवसंरचना का विकास भी शामिल होगा।
सस्ती दरों पर भूमि, आकर्षक निवेश अवसर
इस पार्क में भूमि ₹9,775 प्रति वर्ग मीटर की थोक दर पर उपलब्ध कराई गई है, जो निवेशकों और उद्यमियों के लिए अत्यंत आकर्षक अवसर है। यह दर बड़े पैमाने पर निवेश और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी। परियोजना के तहत लगभग ₹3,000 करोड़ के निवेश की संभावना व्यक्त की गई है।
3 लाख रोजगार, निर्यात को मिलेगा बल

चमड़ा और फुटवियर पार्क के निर्माण से अनुमानतः 3 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही यह परियोजना भारत के चमड़ा निर्यात में गुणात्मक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी। CLE के उत्तरी क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद भारत सरकार के अध्यक्ष श्री पूरन डावर ने कहा कि यह क्लस्टर भारत को वैश्विक चमड़ा और फुटवियर विनिर्माण का केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होगा। यह भारत के चमड़ा उद्योग के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। एलओआई जारी करना बुनियादी ढांचे से प्रेरित विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। क्लस्टर बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगा, निर्यात को बढ़ावा देगा और भारत को चमड़ा और फुटवियर विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा क्लस्टर
पार्क में चमड़ा प्रसंस्करण इकाइयों (टेनरी), फुटवियर निर्माण इकाइयों, डिजाइन एवं परीक्षण केंद्रों, कौशल विकास केंद्रों, और लॉजिस्टिक सुविधाओं की स्थापना की जाएगी। यह क्लस्टर न केवल उत्पादन का केंद्र बनेगा, बल्कि निर्यात-उन्मुख उद्योगों के लिए एक विश्वस्तरीय पारिस्थितिकी तंत्र भी तैयार करेगा।
निजी क्षेत्र का उत्साह और सहयोग
जूता निर्यातक कंपनी आईट्रैक के चेयरमैन श्री सुनील कुमार जैन ने इसे यीडा द्वारा लिया गया क्रांतिकारी निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के निकट इस क्लस्टर की स्थापना से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को तीव्र गति मिलेगी। निवेशकों और उद्यमियों के लिए यह गौरव का विषय है कि भारत अब विश्व व्यापार मानचित्र पर मजबूती से उभर रहा है। श्री जैन ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के पास चमड़ा और फुटवियर पार्क की स्थापना उत्तर भारत के औद्योगिक विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय औद्योगीकरण को गति देगी, बल्कि रोजगार सृजन, निर्यात वृद्धि और आगरा जैसे परंपरागत केंद्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह प्रयास उत्तर प्रदेश को चमड़ा उद्योग में भारत का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस आधारशिला सिद्ध होगा।
‘मेक इन इंडिया’ और निर्यात-आधारित विकास को मिलेगा संबल
यह परियोजना भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “निर्यात आधारित विकास” नीतियों के अनुरूप है। चमड़ा निर्यात परिषद शीघ्र ही इच्छुक इकाइयों के साथ परामर्श कर मास्टर प्लान और भूमि आवंटन प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। परिषद ने भारतीय निर्माताओं और निवेशकों को इस परिवर्तनकारी अवसर में भाग लेने का आह्वान किया है।
आगरा को मिलने वाले लाभ
इस क्लस्टर की स्थापना से आगरा को विशेष रूप से लाभ होगा। आगरा, जो पहले से ही जूता उद्योग का प्रमुख केंद्र है, अब जेवर की इस परियोजना से जुड़कर अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मंच तक सीधा पहुंचा सकेगा। निर्यात मार्ग सुगम होंगे, माल के परिवहन की लागत घटेगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगरा की इकाइयां मजबूत स्थिति में आ जाएंगी। इससे न केवल आगरा का आर्थिक परिदृश्य सशक्त होगा, बल्कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर भी प्राप्त होंगे।
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