अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (12 मई) पर विशेष:- मरीज स्वस्थ होकर घर जाएँ यही सबसे बड़ी ख़ुशी : फातिमा

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Hathras, Uttar Pradesh, India.  जीवन में स्वास्थ्य का बहुत महत्त्व है। किसी भी रोग के निदान के लिए जितनी आवश्यकता दवा की होती है, उतनी ही आवश्यकता देखभाल और तीमारदारी की भी होती है। नर्स द्वारा की गई देखभाल मरीज को जल्द स्वस्थ कर देती है। नर्स दिवस परिचारिकाओं का आभार व्यक्त करने का महत्वपूर्ण दिन है। जिसे प्रत्येक वर्ष 12 मई को मनाया जाता है।

जनपद के  बागला जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात नर्स फातिमा ने बताया – कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए  उन्हें एक साल हो गया है। मरीज  आ रहे हैं जितना हम से हो पा रहा है उनको सुविधा देने की कोशिश कर रहे हैं। जो-जो चीजें उपलब्ध है उनसे हर तरीके की कोशिश करते हैं। फातिमा ने बताया कि कोरोना से डर नहीं लगता है। हम अपना प्रोटेक्शन मास्क लगाकर ग्लब्स पहन कर काम करते हैं। उन्होंने बताया हम चाहते हैं कि मरीज आएं तो वह पूरी तरह स्वस्थ होकर जायें। यहां कोई मरीज आता है हम उसे स्वस्थ बनाने में पूरी ताकत लगा  देते हैं और जब वह स्वस्थ  होकर घर जाता है तो बड़ी ख़ुशी मिलती है। जिस चीज के लिए हम यहां आए हैं अगर वह पूरी तरह से हो रहा है और मरीज ठीक होकर जा रहा है इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। परिवार का पूरा पूरा सहयोग उन्हें मिलता है। उन्होंने बताया कि आज हम यहां पर परिवार वालों की वजह से ही हैं।वह कहते हैं  अपना काम मन लगाकर करो बाकी तो ऊपर वाला है।

स्टाफ नर्स समरीना का कहना है कि लोगों की सेवा करना बहुत अच्छा लगता है। हमें बहुत खुशी होती है जब कोई मरीज ठीक होकर जाता है ।लेकिन जब कोई कैजुअलिटी  हो जाती है तो उतना ही दुख होता है कि हमारे हाथों से मरीज चला गया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में उनकी पांच साल की एक बेटी है जो उनके घर पहुंचते ही गले लगना चाहती है। जिसे मैनेज करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यहां हमारी टीम है जो एक साथ मिलकर काम करती है । डर नहीं लगता हम लोगों के साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ अच्छा ही होगा ऊपर वाला हमें बचाकर रखता है ताकि हम दूसरों की सेवा कर सकें।

वर्ष 2017 में विभाग से जुड़ी रीना कुमारी मुरसान में बने एल-02 में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। रीना बताती हैं कि उनका बचपन का सपना था कि वह चिकित्सा विभाग में जाकर मरीजों की सेवा करें। कोविड एल-02 में ड्यूटी देते हुए मरीजों को बेहतर से बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं।

हर वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। नर्सें लोगों को स्वस्थ रहने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। 12 मई का दिन उनके योगदान को समर्पित होता है। पहली बार यह  दिवस वर्ष 1965 में मनाया गया था। 1974 में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई। 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। विश्व सहित हमारे भारत देश में भी नर्सें अपनी अहम भूमिका अदा कर रहीं हैं।