भारत से कहीं अधिक पाकिस्‍तान में हो रही है स्मृति ईरानी के “मदीना” दौरे की चर्चा

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सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचीं भारत सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी और वी मुरलीधरन ने वहां एक अहम हज समझौता किया है। भारत और सऊदी अरब सरकार के बीच हुए इस समझौते के फायदे नुकसान से ज्यादा चर्चा इस समय स्मृति ईरानी के मदीना दौरे की हो रही है। दरअसल, ये पहला मौका है जब कोई भारतीय गैर मुस्लिम महिला न सिर्फ मदीना गई, बल्‍कि वो भी बिना सिर ढके गई। इसकी पाकिस्तान के लोग भी खूब चर्चा कर रहे हैं।

पाकिस्तानियों का कहना है कि पाकिस्तान भले ही मुस्लिम देश है लेकिन सऊदी के रिश्ते भारत से मजबूत हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई पाकिस्तानियों ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की भी आलोचना की है।

पाकिस्तान के जानेमाने पॉलिटिकल कमेंटेटर और यूट्यूबर कमर चीमा ने स्मृति इरानी के दौरे पर कहा है कि सऊदी अरब ने भारत के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, वो अब चीजों को बिजनेस के नजरिए से देख रहे हैं।

चीमा ने कहा, सऊदी को पैसा और टूरिस्ट चाहिए। सऊदी सरकार भारत को एक मार्केट की तरह देख रही है। मक्का या मदीना में आमतौर पर कोई औरत बिना दुपट्टे के नहीं जाती, लेकिन स्‍मृति इरानी गईं और ये बहुत दुर्लभ उदाहरण बन गया है। दुनिया के मुसलमानों में इस पर काफी बहस हो रही है, लेकिन सऊदी के क्राउन प्रिंस इसे अपनी टूरिज्‍म बढ़ाने की पहल के तौर तरह देख रहे हैं, जो उनकी लगातार चल रही कोशिशों का हिस्सा है।

पाकिस्तान हज का कोटा ही पूरा नहीं कर पा रहा

चीमा ने आगे कहा, सऊदी भारत को पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा जगह दे रहा है। इसकी साफ-साफ वजह है कि पाकिस्तान के मुकाबले भारत से ज्यादा लोग हज के लिए सऊदी आएंगे, इससे सीधे-सीधे सऊदी की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। इंडिया को पौने दो लाख का हज कोटा है और वह कह रहे हैं कि इसे और बढ़ा दीजिए। पाकिस्तान से तो 25 हजार का कोटा भी पूरा नहीं हो रहा है। बीते साल पाकिस्तान का 44 हजार का कोटा था और 7 हजार एप्लीकेशन आईं। इस बार 25 हजार का कोटा था और 4 हजार एप्लीकेशन आईं। ऐसे में पाकिस्तान का कोटा भी इंडिया मांग सकता है ताकि बता सके कि हम ज्यादा बड़ी मार्केट हैं। पाकिस्तान में तो लोग पैसे देना नहीं चाहते, वो चाहते हैं कि फ्री हज कराया जाए।

पाकिस्तानियों का कहना है कि हमारा देश सऊदी की निगाह में एक मार्केट नहीं बन पा रहा जबकि भारत ने सऊदी को बड़ा बाजार दिखाया है। ऐसे में सऊदी सरकार स्मृति ईरानी को ये इज्जत दे रही है। चीमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बीते साल जी-20 में प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को एक दिन रोक लिया था और उनका जोरदार स्वागत किया गया था। ये भारत की संबंध बढ़ाने की कोशिश थी, अब सऊदी ने ईरानी को खास तवज्जो दी है।

एमबीएस पाकिस्‍तानियों के निशाने पर

पाकिस्तान के कई लोगों ने क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि सऊदी पहले मस्जिदों को नहीं छेड़ते थे और कब्र को अलग नजर देखते थे लेकिन अब उन्होंने सब चीजें खोल दी हैं। अब मक्का और मदीना उनके लिए एक टूरिस्ट स्पॉट है। सरकार सब चीजों को इस्लामिक हिस्ट्री की तरह देख रही है। उनको पैसा चाहिए वो किसी भी देश से आए। उनके लिए अब पैसा ही सब-कुछ है, इससे ज्यादा वो कुछ नहीं देख रहे हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh