“अक्स – रिफ्लेक्शन इन मेलॉडी” म्यूजिक वीडियो की शूटिंग आगरा में आरंभ

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आगरा में कला और संस्कृति का पुनः संगम

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat,.

आगरा। ताजमहल की नगरी एक बार फिर कला और संस्कृति की स्वर लहरियों से सराबोर हो उठी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजिक वीडियो “अक्स – रिफ्लेक्शन इन मेलॉडी” की शूटिंग का विधिवत शुभारंभ यहीं से हुआ, जिसने शहर की पहचान को वैश्विक कला मंच पर और सशक्त कर दिया है।

जर्मनी की धरा से आया संगीतमय सृजन

इस अनोखी संगीतमयी परियोजना की प्रोड्यूसर, लेखिका और कंपोज़र डॉ. योजना जैन (जर्मनी निवासी) हैं, जिनकी रचनाधर्मिता और संगीत के प्रति गहन समझ को विश्व भर में सराहना प्राप्त हुई है। उनके इस स्वप्न को परदे पर उतारने की बागडोर फिल्म निर्देशक अविनाश वर्मा ने संभाली है।

पात्र और कलाकारों की सशक्त उपस्थिति

म्यूजिक वीडियो में मुख्य भूमिका में अरुण कोहली और स्वयं डॉ. योजना जैन नज़र आएंगे। वहीं वरिष्ठ कलाकार रंजीव कोचर अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने वाले हैं। इस परियोजना को रचनात्मक दृष्टि प्रदान करने का कार्य रोहित रायकवार ने किया है।

सिनेमैटोग्राफी की अंतरराष्ट्रीय टीम

दृश्यात्मकता को जीवंत बनाने की जिम्मेदारी एक साझा अंतरराष्ट्रीय टीम को दी गई है – जर्मनी से अक्षय सक्सेना और शैशव भट्ट, जबकि भारत से सुनील राज ने कैमरे की बारीकियों को संभाला है।

आगरा और जर्मनी का संगम

गीत की शूटिंग आगरा के ऐतिहासिक धरोहर स्थलों के साथ-साथ जर्मनी के रमणीय लोकेशनों पर भी होगी। इस अनूठे संगम से न केवल आगरा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी बल्कि दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत का भी मेल होगा

ग़ज़ल में रिश्तों की संवेदनशील अभिव्यक्ति

निर्देशक अविनाश वर्मा के अनुसार यह ग़ज़ल दूरियों के बीच रिश्तों की उलझनों और संवेदनाओं को बेहद गहराई से व्यक्त करती है। इसकी मधुरता और भावप्रवणता श्रोताओं के हृदय में सीधे उतरने की क्षमता रखती है।

विशेष अतिथियों की उपस्थिति

शूटिंग के इस शुभ अवसर पर अंकित आनंद, अर्चना, मानसी, नवल बाबा और पंकज सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे और सभी ने इस अनूठे प्रयास की सराहना की।

संपादकीय

ताज की धरती सदियों से प्रेम, कला और संगीत की सजीव धरोहर रही है। “अक्स – रिफ्लेक्शन इन मेलॉडी” न केवल आगरा की सांस्कृतिक गरिमा को विश्व पटल पर पुनः स्थापित करने का प्रयास है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि कला सीमाओं से परे है। जर्मनी और भारत की संयुक्त प्रस्तुति यह संदेश देती है कि जब संवेदनाएं और रचनात्मकता मिलती हैं, तो एक ऐसी कृति जन्म लेती है जो समय और स्थान से परे जाकर लोगों के दिलों में बस जाती है। आगरा की पहचान अब केवल ताजमहल तक सीमित नहीं, बल्कि कला और संगीत की नई उड़ान से भी जुड़ने जा रही है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh