सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र मोक्ष धाम आगरा में 7 लाख रुपए में शिव प्रतिमा स्थापित, श्रद्धा और सौहार्द्र का संगम

RELIGION/ CULTURE

मोक्षधाम में शिव प्रतिमा प्रतिष्ठा, श्रद्धा और सौहार्द का संगम

आगरा के हरिश्चंद्र मोक्षधाम में आज भव्य समारोह के साथ शिव प्रतिमा की स्थापना की गई।
यह कार्यक्रम गंगा जल से शव स्नान हेतु समर्पित स्थल पर हुआ, जिसमें शहर के अनेक श्रद्धालु और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस पवित्र अवसर ने समाजसेवा, अध्यात्म और एकता का सशक्त संदेश दिया।

शिव प्रतिमा का लोकार्पण, श्रद्धा का प्रतीक

हरिश्चंद्र मोक्षधाम पर स्थापित की गई शिव प्रतिमा का मूल्य लगभग सात लाख रुपये बताया गया।
इस प्रतिमा की स्थापना भीमनगरी के कोषाध्यक्ष श्रीमान हीरा सिंह चंदेल ने कराई थी।
लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज का शुभ आरोहण भी हुआ, जिससे समारोह का वातावरण देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नजर आया।

मंचासीन अतिथि

शहर के प्रबुद्ध जनों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर शॉप लिमिटेड के डायरेक्टर अंकित जैन,
भाजपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, जाटव महा पंचायत के अध्यक्ष धर्मपाल सिंह,
डॉ. रेखा कुमारी, विचार परिवार से केशव, अशोक राजन, दिलीप, विजय गोयल, खगेश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
समिति के अध्यक्ष बासुदेव, डॉ. पार्थ सारथी शर्मा, देवेश माहेश्वरी, शरद चौहान,
पार्षद निरंजन, पार्षद गजेन्द्र पिप्पल सहित कई समुदाय प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगाए।

सम्मान और सेवा का संगम

समारोह के दौरान अम्बेडकर समिति ने इस पुण्य कार्य के लिए श्री हीरा सिंह चंदेल को सम्मानित किया।
यह सम्मान समाज में समर्पण और सेवा की भावना को बढ़ावा देने वाला क्षण था।

संचालन में दिखी आयोजन क्षमता

कार्यक्रम का संचालन समिति के सचिव एवं पूर्व पार्षद श्री आशीष पाराशर ने किया।
उनके सधे हुए संचालन और संयोजन ने आयोजन को अनुशासन और भावनात्मक ऊष्मा से भर दिया।

संपादकीय: मोक्षधाम—सेवा, श्रद्धा और समाज का नया आयाम

हरिश्चंद्र मोक्षधाम पर शिव प्रतिमा की स्थापना मात्र धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह सामाजिक चेतना का प्रतीक है।
ऐसी पहलें न केवल श्रद्धालुओं के लिए शांति का माध्यम बनती हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने का कार्य भी करती हैं।
यह स्थल अब केवल अंत्येष्टि का स्थान नहीं, बल्कि जीवन की नश्वरता और सेवा के सतत संदेश का केंद्र बन गया है।

पूर्व पार्षद आशीष पाराशर का इस आयोजन में योगदान विशेष रूप से सराहनीय है।
उन्होंने न केवल कार्यक्रम का सफल संचालन किया, बल्कि मोक्षधाम के पुनरुद्धार और उसकी सामाजिक उपयोगिता बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
उनका दूरदर्शी प्रयास यह दर्शाता है कि जब लोकसेवा और श्रद्धा साथ चलते हैं, तो समाज में सच्चे अर्थों में “मोक्ष” का वातावरण निर्मित होता है।

डॉ भानु प्रताप सिंह 

Dr. Bhanu Pratap Singh