Agra, Uttar Pradesh, India. श्रीमद् भागवत सप्ताह में सोमवार को रुक्मिणी विवाह का प्रसंग था। इसमें श्रद्धालु खुशियों से सराबोर रहे। उत्सवमय माहौल रहा और भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की एक दूसरे को बधाइयां दी गईं। इस दौरान भागवताचार्य नीरज नयन महाराज ने कहा कि प्रभु की प्रत्येक लीला रास है। यही रास हमारी जिदंगी को संचालित कर रहा है।
लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में माधवी अग्र महिला मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह कोरोना काल के दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है। श्रीमद् भागवत कथा में पूज्य श्री नीरज नयन महाराज ने कहा कि भागवत कथा एसा शास्त्र है, जिसके प्रत्येक पद से रस की वर्षा होती है। इस शास्त्र को शुकदेव मुनि राजा परीक्षित को सुनाते हैं। राजा परीक्षित इसे सुनकर अमर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभु की प्रत्येक लीला रास है। हमारे अंदर प्रति क्षण रास हो रहा है, सांस चल रही है तो रास भी चल रहा है, यही रास महारास है। इसके द्वारा रस स्वरूप परमात्मा को नचाने के लिए एवं स्वयं नाचने के लिए प्रस्तुत करना पड़ेगा। उसके लिए परीक्षित होना पड़ेगा। जैसे गोपियां परीक्षित हो गईं। कथा में कृष्ण-रुक्मिणी की आकर्षक झांकी बनाई गई। जिनके दर्शन करने भक्तजन भाव विभोर हो गए। आज के यजमानअखिलेश व हिमानी अग्रवाल ने पूजन किया।
आज आरती करने वालों में बीडी अग्रवाल (पुष्पांजलि), पुष्पा अग्रवाल, समाजसेवी सुनील विकल, वैचारिक जागरण मिशन ट्रस्ट की अध्यक्ष प्रतिभा जिंदल, राकेश गर्ग,डीसी बंसल, आदर्श नन्दन, सतीशचन्द बंसल, प्रीति आदि प्रमुख थे।
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