यूरोप के मोर्चे पर 1 लाख 50 हजार सैनिकों को यूक्रेन की सीमा पर तैनात करने के बाद अब रूस ने जापान को भी चेतावनी भरा संदेश भेजा है। रूस ने जापान के पास समुद्र में 24 के करीब युद्धपोत और फ्रीग्रेट्स की तैनाती की है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन संकट के बीच जापान के पास महाविनाशक हथियारों की तैनाती बेहद असामान्य मामला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर उसमें जापान भी न शामिल हो जाए, इसलिए उसे हतोत्साहित करने के लिए मास्को ने यह तैनाती की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक भारी भरकम तैनाती से यह भी पता चलता है कि रूस एक साथ अपने पश्चिमी और पूर्वी दोनों मोर्चों पर दुश्मनों से भिड़ने का माद्दा रखता है। बताया जा रहा है कि रूस ने कुरील द्वीप समूह में जापान की दुखती रग पर हाथ रखा है। विशेषज्ञों के मुताबिक इतने बड़े पैमाने पर जापान के पास जंगी बेड़ा तैनात करके रूस ने यह भी संदेश दिया है कि उसकी सेना हर संकट से निपटने के लिए तैयार है।
रूस 24 जंगी जहाजों के साथ जापान सागर में अभ्यास कर रहा
जापान के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की कि रूस 24 जंगी जहाजों के साथ जापान सागर में अभ्यास कर रहा है। रूस का यह अभ्यास गत 1 फरवरी से जारी है। इन जंगी जहाजों में सबमरीन भी शामिल है। जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा, ‘रूस ने यह अभ्यास यूक्रेन के पास उठाए गए अपने कदम के साथ ही शुरू किया है।’ रूस यह दिखाना चाहता है कि वह एक साथ अपने दोनों ही मोर्चो पर सैन्य अभियान को अंजाम दे सकता है।
टोक्यो के टेंपल यूनिवर्सिटी में रूसी मामलों के विशेषज्ञ जेम्स ब्राउन कहते हैं, ‘रूस की यह तैनाती समय और व्यापकता दोनों ही आधार पर बहुत असामान्य है।’ उन्होंने कहा, ‘ओखोत्स्क सागर में स्थितियां बहुत परीक्षा लेने वाली होती जा रही हैं। इस इलाके में अभी बहुत कम तापमान है, समुद्र में चारों ओर बर्फ फैली हुई है और बर्फ इधर-उधर तैर रही है। यह सभी जंगी जहाजों के अभियान के लिए बहुत ही खतरनाक है।’
अमेरिकी नौसेना की परमाणु पनडुब्बी रूसी जलक्षेत्र में घुसी
बता दें कि यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। रूस और अमेरिका के बीच जहां यूरोप के पश्चिमी मोर्चे पर जोरदार घेरेबंदी चल रही है, वहीं बाइडन की सेना ने पिछले दिनों पूर्वी मोर्चे पर भी अपनी हरकत तेज कर दी। अमेरिकी राष्ट्रपति की रूस के यूक्रेन पर हमले की चेतावनी के बीच अमेरिकी नौसेना की परमाणु पनडुब्बी रूसी जलक्षेत्र में घुस गई। इससे रूस भड़क गया था।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की वर्जीनिया क्लास की परमाणु पनडुब्बी उसके जलक्षेत्र में घुस गई। जब रूसी युद्धपोत ने अमेरिकी पनडुब्बी से सतह पर आने को कहा तो उसने अनदेखा कर दिया। इसके बाद रूसी नौसेना ने अमेरिकी पनडुब्बी के खिलाफ ‘विशेष कार्रवाई’ की। रूसी नौसेना की इस हरकत के बाद अमेरिकी पनडुब्बी तत्काल तेजी से रूसी समुद्री इलाके से भाग गई। इस घटना से भड़के रूस ने अमेरिका के रक्षा अताशे को तलब किया और इस हरकत के प्रति आगाह किया। अमेरिका ने रूस के इन आरोपों को खारिज किया है।
कुरील द्वीप समूह को लेकर रूस और जापान में विवाद
रूसी मीडिया के मुताबिक अमेरिकी पनडुब्बी की यह घुसपैठ कुरील द्वीप समूह के पास हुई जो जापान के पास स्थित है। रूसी नौसेना इसी इलाके में इन दिनों सैन्य अभ्यास कर रही है। इस द्वीप पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रूस ने कब्जा कर लिया था लेकिन जापान इस पर अपना दावा करता है। अमेरिका अपनी वर्जीनिया क्लास सबमरीन का इस्तेमाल ज्यादातर एंटी सबमरीन युद्ध और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए करता है।
-एजेंसियां
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