जीवन में शिक्षा और संस्कार अनिवार्य आवश्यकता है। सही मायनों में इन दोनों का उत्तरदायित्व आज भी शिक्षक पर निर्भर है। प्रत्येक अभिभावक अपने नौनिहालों को इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु पूरी आशा और विश्वास के साथ सुबह-सुबह विद्यालय भेजता है, जिससे उसकी संतति का सर्वांगीण विकास हो सके। दुनिया में आज भी शिक्षक का कोई अन्य उचित विकल्प नहीं है।
वर्तमान शिक्षा पद्धति में व्याप्त विसंगतियों के निवारण के लिए विद्यार्थी, शिक्षक, समाज एवं शासन सभी को अपने-अपने स्तर से पुरजोर प्रयास करने चाहिए। जहां विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित कर सतत अध्ययनशील रहना चाहिए वहीं शिक्षकों को राष्ट्रहित के परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। समाज को शिक्षक समुदाय का समुचित सम्मान करते हुए उन्हें लोकतंत्र का आधार स्तंभ मानना चाहिए। शासन की शिक्षा नीति के निर्धारण एवं शिक्षकों के सर्वोत्तम भविष्य के लिए सदैव श्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षक को राष्ट्र निर्माता मानते हुए अपना जन्म दिवस 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में शिक्षकों को समर्पित किया। आज प्रत्येक शिक्षक को अपना संपूर्ण समर्पण विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए करना चाहिए और विद्यार्थियों को यथोचित सम्मान के साथ अपने शिक्षकों के मार्गदर्शी सुझावों पर पूरी तन्मयता से सकारात्मक दिशा में अध्ययन कार्य में संलग्न रहना चाहिए।
गुरुकुल परंपरा से 21वीं सदी तक के सफर में शिक्षा संस्कार से व्यापार की ओर बढ़ रही है। हाईटेक व्यवस्थाओं में मध्यम वर्ग शिक्षा के वास्तविक अर्थ से दूर होते जा रहे हैं। आज व्यावसायिक शिक्षा समाज की आवश्यकता बन रही है। इस दिशा में सरकार को भी सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। शिक्षक दिवस पर अनन्य सद्भावना।
जी. एल. जैन
प्रधानाचार्य, एमडी जैन इंटर कॉलेज, हरीपर्वत, आगरा
- Agra News: ट्रांस यमुना में मकान पर कब्जे के विवाद में छत से गिरी महिला, जांच के बाद चार पुलिसकर्मी निलंबित - July 21, 2025
- Agra News: सावन आश्रम में जीवनदायी सेवा, 57 लोगों ने किया रक्तदान - July 21, 2025
- Agra News: सेवा, भक्ति और करुणा के पथ पर तपस्या फाउंडेशन का मानवीय प्रयास, जरूरतमंद बच्चों को किया रेनकोट का वितरण - July 21, 2025