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दीपावली पर चार ग्रहों का दुर्लभ संयोग, 22 को धनतेरस, 23 को नरक चतुर्दशी व रूप चौदस, एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम दे रहे हैं उपयोगी जानकारी

RELIGION/ CULTURE लेख

वैदिक सूत्रम आगरा के चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या पर दीपावली पर्व मनाया जाएगा। इस बार ये पर्व 24 अक्टूबर, 2022 सोमवार को शाम 5 बजकर 29 मिनट से अमावस्या तिथि लगने पर मनाया जाएगा। प्रदोष काल में अमावस्या तिथि आरम्भ हो रही है इसलिए शास्त्रों के अनुसार 24 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मान्य है।

 

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक भी यदि अमावस्या तिथि रहती है, तब भी दीपावली उसी दिन मनाई जाती है। पौराणिक काल से ऐसी मान्‍यता है कि देवी लक्ष्मी कार्तिक अमावस्या के दिन धरती पर आती हैं और रात को विचरण करती है। इसलिए इस पर्व को अमावस्या की रात को मनाना उचित माना गया है। इसलिए वर्ष 2022 में लक्ष्‍मी पूजन, अमावस्‍या तिथि 24 अक्टूबर शाम को 5 बजकर 29 मिनट से अमावस्‍या तिथि प्रारंभ हो जाएगी और अगले दिन 25 अक्‍टूबर शाम को 4 बजकर  20 मिनट तक रहेगी। मां लक्ष्‍मी का पूजन सोमवार 24 अक्‍टूबर को शास्त्रों के अनुसार पूरी तरह मान्य होगा।

 

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वैदिक हिन्दू ज्योतिष के अनुसार, इस बार दीपावली पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। दीपावली के दिन बुध अपनी स्वराशि कन्या, गुरु ग्रह अपनी ही राशि मीन में रहेगा और शनि अपनी ही राशि मकर में रहेगा, इसके साथ ही समृद्धि का कारक शुक्र ग्रह भी सूर्य के साथ अपनी स्वराशि तुला में रहेगा। सूर्य और शुक्र की एक साथ युति होने से सूर्य ग्रह की नीचता भंग होकर नीचभंग राजयोग बना रही है। कुल मिलाकर यह कह उपरोक्त चारों ग्रह, बुध, बृहस्पति, शनि एवम शुक्र अपनी स्वराशिस्थ रहेंगे, जो कि देश की समृद्धि के लिए प्रबल योगकारक स्थिति है।

 

पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2022 में धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर शनिवार को है क्योंकि त्रयोदशी तिथि का आरम्भ 22 अक्टूबर को शाम को 6 बजकर 5 मिनट से लेकर 23 अक्टूबर शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा, 22 अक्‍टूबर को प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा, क्योंकि प्रदोष के दिन ही धनतेरस रहता है। इसके साथ ही नरक चौदस या रूप चतुर्दशी 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 5 मिनट से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरम्भ होगी जो कि 24 अक्टूबर 2022 को नरक चतुर्दशी तिथि शाम 5 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्ष 2022 में नरक चतुर्दशी, रूप चौदस यमदीप दान सब एक ही दिन 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा।

 

एस्ट्रोलॉजर पंडित गौतम ने दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि वर्ष 2022 में 24 अक्टूबर सोमवार को कार्तिक अमावस्या को दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम को 5 बजकर 43 मिनट से आरम्भ होगा। इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम को 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। शाम को मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है। ऐसे में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए स्थिर वृष लग्न में शाम 6 बजकर 54 मिनट से लेकर 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए। जो लोग प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन नहीं कर पाते हैं या विशेष सिद्धि के लिए लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं वह दीवाली की रात में निशीथ काल में 8 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 55 मिनट के बीच पूजा कर सकते हैं।

Dr. Bhanu Pratap Singh