जनसुनवाई पोर्टल, मंडलायुक्त, DM, ADA, नगर आयुक्त से शिकायत, फिर भी शास्त्रीपुरम में मंदिर की आड़ में अवैध निर्माण, कमिश्नर के निर्देश को ADM ने नहीं माना

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नगर निगम तीन बार तोड़ चुका, चौथी बार फिर अवैध कब्जा लिया

कुँवर शैलराज सिंह ने की है शिकायत, समस्या वहीं की वहीं है

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. मंदिर या मजार, सिर्फ पूजा के लिए नहीं बनाए जाते हैं। मंदिर और मजार की आड़ में सड़क पर अवैध कब्जा भी किया जाता है। आगरा शहर में जरा सड़क किनारे, मार्ग विभाजकों पर दृष्टिपात की कीजिए, सारी कहानी समझ आ जाएगी। हमारे देखते-देखते अवैध मंदिर और मजार विशालकाय रूप ले चुके हैं। नया मामला 800 एकड़ में बसी शास्त्रीपुरम योजना का है। यहां मंदिर की आड़ में किए गए अवैध निर्माण को नगर निगम तीन बार तोड़ चुका है। इसके बाद भी फिर से अवैध कब्जा कर लिया है। जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें जारी हैं। मंडलायुक्त पत्र लिख रही हैं। समस्या वहीं की वहीं है।

शास्त्रीपुरम के सी-2 ब्लॉक में रोड डिवाइडर पर मंदिर को आड़ लेकर अवैध कब्जा किया ज रहा है। इस मामले की शिकायत कुँवर शैलराज सिंह एडवोकेट ने मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी से की। उन्होंने अपर जिलाधिकरी (प्रशासन) को निर्देशित किया है कि 10 दिन में जांच कर आख्या दें। इसके साथ ही नगर निगम ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर डिवाइडर पर चबूतरा बनाकर स्थापित की गई देवी देवताओं की मूर्तियों को हटाने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आग्रह किया है।

सी-2 ब्लॉक में ऐलन पब्लिक रकूल के पश्चिम की ओर स्थित डिवाइडर पर बाहरी व्यक्ति द्वारा बार-बार अवैध कब्जा किया जा रहा है, वहीं पर कुँवर शैलराज सिंह एडोवोकेट का भी प्लॉट है। खोखा भी रख लिया गया है। यहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस चौकी है। इसके बाद भी मंदिर की आड़ में अवैध निर्माण किया जा रहा है।

कुँवर शैलराज सिंह ने इस अवैध निर्माण की शिकायत उत्तर प्रदेश शासन के अलावा जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से की। इसके बाद नगर निगम हरकत में आया। नगर निगम ने तीन बार अवैध निर्माण हटवाया। इसके बाद भी अवैध निर्माण करने वाला इतना ताकतवर है कि चौथी बार कब्जा कर लिया है। अवैध कब्जा करने वाला व्यक्ति इटावा का रहने वाला बताया जा रहा है। उसे पुलिस और प्रशासन का कोई भय नहीं है

यहां एक बात और उल्लेखनीय है। मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी ने 9 अक्टूबर, 2024 को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) आगरा को पत्र लिखकर कुँवर शैलराज सिंह एडवोकेट की शिकायत के संबंध में जांच आख्या मांगी थी। अपर जिलाधिकारी ने मंडलायुक्त के पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। कोई आख्या न मिलने पर मंडलायुक्त ने फिर से एक पत्र भेजा है। 10 दिन में जांच करने के लिए कहा है। मंडलायुक्त ने एडीएम प्रशासन को 24 अक्टूबर, 2024 को फिर से एक पत्र भेजा है।

commissioners letter
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मंडलायुक्त ने पत्र में लिखा है,  इस कार्यालय के पत्र संख्या 2541/ जनसुनवाई सहायक / 2024, दिनांक 09.10. 2024 संदर्भ संख्या 50014624002066 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। जिसके अन्तर्गत कुंवर शैलराज सिंह एड० कलैक्ट्रेट, आगरा द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में उल्लिखित एलेन पब्लिक स्कूल सी-2 आगरा विकास प्राधिकरण, आगरा की शास्त्रीपुरम योजना के पश्चिम की ओर स्थित डिवाईडर पर किये गये अनाधिकार कब्जे को हटवाये जाने का अनुरोध किया गया है। उक्त पत्र में आपको निर्देशित किया गया था कि प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों एवं विकास प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करायी गई आख्या के दृष्टिगत आप स्वयं शिकायतकर्ता को सुनकर मौके की जांच करें, वाछित आख्या अभी प्राप्त नहीं हुई है शिकायतकर्ता द्वारा पुनः उपस्थित होकर प्रकरण के कई फोटोग्राफ्स एवं प्राधिकरण का नक्शा दिखाते हुये प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया है।

यह हाल तब है जबकि कुँवर शैलराज सिंह ने मंडलायुक्त को मौके के फोटोग्राफ्स दिखाए और आगरा विकास प्राधिकरण का मानचित्र दिखाया। ऐसा दो बार कर चुके हैं। अपर जिलाधिकारी हैं कि कुछ कर नहीं रहे हैं। मंडलायुक्त ने पत्र में पत्र संख्या 2541/ जनसुनवाई सहायक / 2024, दिनांक 09.10. 2024 संदर्भ संख्या 50014624002066 का संदर्भ उल्लिखित किया है। शैलराज सिंह एडवोकेट ने एक और शिकायत संख्या 50014624002210  जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई है।

कौन हैं कुँवर शैलराज सिंह एडवोकेट

शिकायतकर्ता कुँवर शैलराज सिंह एडवोकेट जाने-माने अधिवक्ता हैं। अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उत्तर प्रदेश में जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिलाने वाले हैं। कलक्ट्रेट में नौकरी के दौरान राज्य कर्मचारियों के नेता रहे हैं। कर्मचारियों के हित में जेल यात्रा भी की है। उन्होंने सरकारी नौकरी भी पूरी दबंगई के साथ की है। चौधरी चरण सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं। नेताओं की कथनी-करनी में जमीन-आसमान के अंतर के चलते राजनीति से उनका मोह भंग हो चुका है।

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Dr. Bhanu Pratap Singh