देश के उच्च सदन राज्यसभा से आज 72 सदस्य रिटायर हो रहे हैं। राज्यसभा उनके कार्यों और योगदान को याद करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिटायर हो रहे सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी अच्छी-अच्छी बातों को वह जरूर नोटिस करते हैं।
दरअसल, पीएम जब राज्यसभा में बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने सभी सदस्यों को एक साथ संबोधित करते हुए अपनी बात कही। आखिर में उन्होंने कहा कि मैं अलग-अलग सबके कार्यों का उल्लेख नहीं कर रहा हूं। सभापति जी ने कहा है कि व्यक्तिगत मिलें तो कह देना तो मैं व्यक्तिगत जरूर कोशिश करूंगा। आप सबको अपनी अच्छी-अच्छी बातें बताऊंगा। इसी दौरान उन्होंने कहा कि आपकी जो अच्छी बातें हैं, उनको मैं जरूर नोटिस करता हूं।
रिटायर हो रहे सांसदों को मंत्र
पीएम ने रिटायर हो रहे सांसदों से कहा कि एक लंबा समय हम इस चार दीवारों के बीच में बिताते हैं। हिंदुस्तान के हर कोने की भावनाओं का यहां प्रतिबिंब, अभिव्यक्ति, वेदना, उमंग सब का प्रवाह रहता है। उसे हम भी अनुभव करते रहते हैं। कभी-कभी हमें लगता होगा कि मैंने सदन में बहुत कुछ योगदान किया है यह सच्चाई है लेकिन साथ-साथ इस सदन ने भी हमारे जीवन में बहुत कुछ दिया है। हम सदन को जो देकर जाते हैं, उससे ज्यादा सदन से लेकर जाते हैं क्योंकि भारत की विविधताओं से भरी हुई, सामाजिक व्यवस्थाओं से अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव वाली व्यवस्थाओं से निकली हुई चीजों का हम प्रतिदिन सदन में अनुभव करते हैं। मैं आज यही कहूंगा कि भले ही हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं। चार दीवारों में पाया हुआ चारों दिशाओं में ले जाएं। हमारी ये भी कोशिश रहे कि सदन में अपने कालखंड में जो महत्वपूर्ण योगदान हमने किया है, जिसने देश को दिशा दी… मैं चाहूंगा कि उन स्मृतियों को कहीं न कहीं शब्दबद्ध करें। कहीं लिखें जिससे वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए।
पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज जो साथी यहां से विदाई लेने वाले हैं, उनसे हमने जो सीखा है उसे आगे जरूर उपयोग करेंगे ताकि देश की समृद्धि हो। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि साथी जा रहे हैं लेकिन बंगाली या गुजराती में जैसे कहते हैं….. बाय-बाय लेकिन मतलब होता है कि come again यानी फिर से आना।
ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत: मोदी
पीएम ने कहा कि हम तो कहेंगे फिर आइएगा। जिनके साथ चार-पांच कार्यकाल से लंबे अनुभव जुड़े हुए हैं। हमारे इन सभी महानुभावों के पास बड़ा अनुभव है। कभी कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है। एकैडमिक ज्ञान की बहुत सीमाएं होती हैं, वो सेमिनार में काम आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त हुआ होता है उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उसमें नयापन के लिए अनुभव का मिश्रण होने के कारण गलतियां कम से कम होती हैं। इस अर्थ में अनुभव का बहुत महत्व होता है। जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं तो बहुत बड़ी कमी सदन और राष्ट्र को होती है।
पीएम ने कहा कि जब अनुभवी लोग जाते हैं तो उसके बाद बचे लोगों की जिम्मेदारी जरा और बढ़ जाती है। वो जो अनुभव की गाथाएं छोड़कर गए हैं, जो बाकी यहां बचे हैं उनको आगे बढ़ाना होता है। इससे सदन की ताकत को कभी कमी महसूस नहीं होती है।
सभापति ने आनंद शर्मा की तारीफ की
इससे पहले सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कई सदस्यों का जिक्र करते हुए उनके कार्यों और उपस्थिति की सराहना की। शुरुआत में ही नायडू ने आनंद शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में गठित गृह मामलों की समिति ने काफी गहराई से कोविड-19 महामारी पर रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने कहा कि मैंने विस्तार से वह रिपोर्ट पढ़ी है। कमेटी ने काफी डीटेल जानकारी सामने रखी है। कमेटी ने भविष्य में ऐसे हालात से निपटने के लिए कैसी तैयारी की जाए, यह रास्ता भी सुझाया है।
जब नायडू ने कही ‘आदमी कुत्ते को काट ले’ वाली बात
इसी दौरान सभापति ने मीडिया का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से मीडिया रचनात्मक बातों की जगह डिस्ट्रक्टिव बातों को ज्यादा तवज्जो देता है क्योंकि रचनात्मक चीजें तो सामान्य ही होती हैं और डिस्ट्रक्टिव चीजें ध्यान खींचती हैं। मैंने कुछ मीडिया वालों से पूछा कि आप ऐसा क्यों करते हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर कुत्ता इंसान को काटे तो यह खबर नहीं है। अगर आदमी कुत्ते को काट ले तो यह खबर है। अगर सांसद कागज फाड़ते हैं, तो यह स्वभाविक तौर पर खबर हो जाती है। लेकिन मैं कहता हूं कि अगर कोई सांसद पूरी तैयारी के साथ आकर एक बेहतरीन स्पीच देता है, तो यह भी खबर है।
शर्मा, स्वामी भी हो रहे रिटायर
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, ए. के. एंटनी, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, एम. सी. मैरी कॉम और स्वप्न दासगुप्ता शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एम. जे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी. विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में समाप्त होगा। जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और के. जे. अल्फोंस शामिल हैं। कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं को फिर से नामित किया जाएगा। कांग्रेस के कुछ सदस्यों को फिर से नामित किए जाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनमें से कई सदस्य जी-23 में शामिल हैं जो पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं।
-एजेंसियां
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