नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के बाद कहा कि भारत और रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह स्थिर और अटूट रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों देश अब आर्थिक साझेदारी को नए आयाम देंगे।
हैदराबाद हाउस में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत आर्थिक क्षेत्र में रूस के साथ संबंधों को मजबूत करना अपनी प्राथमिकताओं में रखता है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार और उद्योग, श्रमिकों की आवाजाही, व्यावसायिक प्रशिक्षण, व्यापारिक मार्गों के विकास, जहाज निर्माण, नाविकों के प्रशिक्षण, यूरिया उत्पादन, दुर्लभ खनिज, परमाणु ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा मानक और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
2030 तक का आर्थिक सहयोग कार्यक्रम तैयार
बैठक में दोनों पक्षों ने 2030 तक का एक विस्तृत आर्थिक सहयोग कार्यक्रम भी तैयार किया है, जिसके तहत व्यापार, निवेश और तकनीकी साझेदारी को आगे बढ़ाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन इन परिस्थितियों के बीच भी भारत-रूस संबंध हमेशा मजबूत रहे। उन्होंने बताया कि दोनों देशों की मित्रता परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर आधारित है।
व्यावसायिक संबंधों को नई ताकत मिलेगी
मोदी ने कहा कि भारत और रूस की कंपनियों के फोरम से दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। यह मंच निर्यात, सह-उत्पादन और सह-नवाचार के नए अवसर खोलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता को जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि दोनों देशों की साझेदारी आने वाले वर्षों में नई उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ेगी।
-साभार सहित
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