धन्नासेठों के बड़े आयोजनों के खर्च पर आयकर विभाग की नजर होगी। आम बजट 2022-23 में सरकार ने आयकर अधिनियम में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब किसी आयोजन में 50 लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर आयोजनकर्ता को दस साल तक रिकॉर्ड संभालकर रखना होगा।
विभाग इस अवधि में कभी भी पूछताछ कर सकता है। ऐसे में काली कमाई खपाने वालों पर जांच का दायरा और बढ़ गया है। इस सहालग में हुईं शादियों पर भी आयकर विभाग की नजर रही है। पिछले साल के बजट में आयकर अधिनियम की धारा 148 की जगह 148 ए के प्रावधान किए गए थे।
इसमें कहा गया था कि जिस व्यक्ति के रिटर्न में आय या संपत्ति नहीं दिखाई गई है, या कम दिखाई गई है। विभाग उसे तीन साल के अंदर नोटिस भेजकर जांच के बाद कर निर्धारण कर सकता है। किसी व्यक्ति की न दिखाई गई आय 50 लाख रुपये से अधिक होने पर उसके खिलाफ नोटिस जारी करने का समय दस साल था।
पहले केवल जमीन और आभूषण की खरीद पर जांच होती थी। कानपुर जीएसटी सीए एसोसिएशन के सचिव सीए अरुण गुप्ता के अनुसार एक फरवरी को आए बजट में नए प्रावधान किए गए हैं। अब शादी या अन्य आयोजन में 50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने पर आय के स्रोत के बारे में विभाग के अफसर पूछताछ कर सकते हैं।
वरिष्ठ कर सलाहकार संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि आयकर अधिनियम 149बी के तहत नया प्रावधान किया गया है। यदि संपत्ति, लेनदेन का खर्चा, किसी भी उत्सव, समारोहों और बहीखातों में 50 लाख के खर्च की जानकारी मिलती है, विभाग को रिटर्न में इसकी जानकारी नहीं दी गई है तो विभाग के अफसर ऐसे मामलों में 10 साल तक के रिकॉर्ड खोल सकते हैं। हालांकि इसके लिए उच्च अफसरों की अनुमति ली जाएगी और मामला सही पाने पर पेनल्टी, ब्याज आदि समेत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
-एजेंसियां
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