नया आयकर अधिनियम 2025 पर नेशनल चैंबर ने किया मंथन, आगरा TTZ क्षेत्र में नहीं लगाया जाए अतिरिक्त  Income Tax

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा के नेशनल चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के सभागार में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कर रहे थे चेंबर अध्यक्ष संजय गोयल और आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा एडवोकेट। इस बैठक में आगरा की औद्योगिक समस्याओं और करदाताओं से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।

सीआईटी को अपील निस्तारण की समयसीमा निर्धारित करने की मांग

बैठक में प्रमुख रूप से यह बात उठाई गई कि आयकर अपीलों के निस्तारण के लिए सीआईटी को एक निश्चित समयसीमा के भीतर निर्णय देना चाहिए। यह करदाताओं की सहूलियत के लिए आवश्यक है।

रिफंड में देरी को लेकर जताई चिंता

करदाताओं को आयकर रिफंड समय पर न मिलने की समस्या पर भी चिंता जताई गई। विशेष रूप से सीपीसी द्वारा रिफंड में हो रही देरी को गंभीरता से उठाया गया

 

डिफेक्टिव रिटर्न पर मिले संशोधन का पूरा समय

बैठक में यह भी कहा गया कि यदि किसी आयकर रिटर्न को ‘डिफेक्टिव’ घोषित किया जाता है, तो संशोधन के लिए कम से कम एक माह का समय करदाता को अवश्य मिलना चाहिए।

वित्त मंत्री को भेजा जाएगा प्रतिवेदन

चेंबर अध्यक्ष संजय गोयल एवं चेयरमैन अनिल वर्मा ने घोषणा की कि आयकर मूल्यांकन और अपील में आने वाली समस्याओं पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर इसे भारत सरकार के वित्त मंत्री एवं सीबीडीटी को भेजा जाएगा।

आयकर अधिनियम 2025 पर सेमिनार का आयोजन शीघ्र

नए आयकर अधिनियम 2025 की जटिलताओं को समझाने हेतु चेंबर द्वारा विशेषज्ञों की उपस्थिति में एक संगोष्ठी शीघ्र आयोजित की जाएगी।

टेक्निकल खामियों से रद्द प्रार्थनापत्रों पर पुनः सुनवाई की मांग

सी.ए. प्रार्थना जलान ने बैठक में कहा कि “विवाद से विश्वास योजना” के अंतर्गत कई प्रार्थनापत्र तकनीकी कारणों से रद्द हो गए हैं। ऐसे मामलों में करदाता के अनुरोध पर पुनः सुनवाई की व्यवस्था की जानी चाहिए।

बैठक में प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति

इस बैठक में कई गणमान्य उद्योग प्रतिनिधि मौजूद रहे:
संजय गोयल, अनिल वर्मा एडवोकेट, विवेक जैन, संजय अग्रवाल, प्रार्थना जलान, राजकिशोर अग्रवाल एडवोकेट, दीपक महेश्वरी एडवोकेट, नीतेश अग्रवाल, सुनील गर्ग और उमेश गोयल

संपादकीय टिप्पणी:

नेशनल चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, आगरा द्वारा करदाताओं की समस्याओं को गंभीरता से उठाया जाना सचमुच सराहनीय प्रयास है। विशेष रूप से अनिल वर्मा एडवोकेट द्वारा आयकर प्रकोष्ठ में नेतृत्व करते हुए करदाताओं की आवाज़ को संगठित करना प्रशंसनीय उदाहरण है। यह पहल न केवल उद्योग जगत को राहत देगी, बल्कि शासन व्यवस्था को भी पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व की ओर प्रेरित करेगी

Dr. Bhanu Pratap Singh