मिमिक्री विवाद: पीएम का फोन, और उपराष्‍ट्रपति तथा राष्‍ट्रपति की प्रतिक्रिया

NATIONAL

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को फोन करके संसद भवन के परिसर में कुछ सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति का कथित तौर पर ‘मजाक उड़ाए जाने पर’ दुख जाहिर किया है. ये जानकारी उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गई है.

उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति को टेलीफोन किया था. प्रधानमंत्री ने कल कुछ माननीय सांसदों द्वारा और वो भी संसद भवन के पवित्र परिसर में मजाक उड़ाए जाने पर तकलीफ़ जाहिर की है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उपराष्ट्रपति कार्यालय के हैंडल से जारी बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का फोन आया और उन्होंने कल संसद के पवित्र परिसर में कुछ माननीय सांसदों द्वारा प्रदर्शित की गयी अपमानजनक नाटकीयता पर अत्यंत दुख व्यक्त किया.”

“उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सहते आ रहे हैं, लेकिन देश के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ, और वह भी संसद में, ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है.”

“मैंने प्रधान मंत्री से कहा कुछ लोगों की बेतुकी हरकतें मुझे मेरा कर्तव्य निभाने और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों का सम्मान करने से नहीं रोक सकती हैं. मैं संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हूं और इस प्रकार के अपमान मुझे अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकते.”

इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने संसद भवन के परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जिस तरह से ‘मजाक उड़ाया’ है, वो इसे लेकर निराश हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी भावनाएं प्रकट करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन ये मर्यादा और शिष्टाचार के नियमों के दायरे में होना चाहिए.

राष्ट्रपति ने कहा, “मर्यादा और शिष्टाचार के ये नियम उस संसदीय परंपरा का हिस्सा हैं जिन पर हमें गर्व रहा है और भारत की जनता हमसे इन्हें बनाए रखने की उम्मीद करती है.”

राष्ट्रपति की ये टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा संसद भवन के परिसर में कथित तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल किए जाने की घटना के बाद आई है. कल्याण बनर्जी उस वक़्त संसद भवन की सीढ़ियों पर विपक्षी सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे नेताओं के साथ मौजूद थे.

कल्याण बनर्जी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, “मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा कभी नहीं था. धनखड़ साहब मुझसे बहुत वरिष्ठ हैं. मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे अपने ऊपर क्यों लिया है. मेरा सवाल यह है कि अगर उन्होंने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो क्या वे राज्यसभा में इस तरह का व्यवहार करते हैं?”

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh