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कलमकार कालजयी कैसे बनता है, पढ़िए क्या कहते हैं साहित्यकार

PRESS RELEASE REGIONAL लेख

डॉ. ह्रदेश चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘महापलायन’ पर की चर्चा

समाज की खामियों को दूर कर सकती है कलाः अलका सिंह

वर्तमान में कलमकार की जिम्मेदारी और बढ़ीः श्रुति सिन्हा

Agra, Uttar Pradesh, India. समसामयिक मुद्दों और संवेदना के धरातल पर की गई साहित्य सर्जना ही किसी कलमकार को कालजयी बनाती है। यह उद्गार मंगलवार को आराधना संस्था के अध्यक्ष और जाने-माने हास्य कवि पवन आगरी ने आगरा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किये। आगरा महोत्सव कोठी मीना बाजार मैदान पर चल रहा है। यहां प्रतिदिन साहित्यिक गतिविधियां चल रही हैं। आगरा के लेखकों की पुस्तकें देखने और बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं।

संस्था महासचिव डॉ. ह्रदेश चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘महापलायन’ पर चर्चा के दौरान कहा कि मौजूदा हालातों पर सच्चाई बयां करने से जो कलम काँपती है उसको सदियां तक माफ नहीं करतीं। समालोचक डॉ. अनिल उपाध्याय ने कहा कि समसामयिक मुद्दों पर कलमकार का लेखन उसकी पहचान बनाता है।

नटरांजलि थियेटर आर्ट्स की निदेशक और अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी अलका सिंह ने कहा कि कला समाज की खामियों को दूर करने की सामर्थ्य रखती है।

साहित्यकार श्रुति सिन्हा ने कहा कि वर्तमान हालातों में कलमकार की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गयी है।

प्रदर्शनी समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त एवं डॉ. रजनीश त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. विनोद माहेश्वरी, डॉ. आनंद राय, रोहित कत्याल, नीतेश जैन, डॉ. अयूब खान, अशोक अश्रु, प्रतिभा जिंदल, अनीता गुप्ता, अंजली स्वरूप, मीना सिंह, रेनू गर्ग, नीलम गुप्ता, सरिता सिंह, मोनिका गुप्ता, जितेंद्र सिंह, राजू राठौर, मीरा शर्मा आदि मौजूद रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh